मसूद अजहर ने महिलाओं के लिए नया आतंकवादी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया
नई दिशा में महिलाओं की भागीदारी
नई दिल्ली: पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अजहर ने महिलाओं के लिए आतंकवाद की नई दिशा प्रस्तुत की है। उसने 'जमात-उल-मोमिनात' नामक महिला विंग की स्थापना की है और इस संबंध में 21 मिनट का ऑडियो संदेश जारी किया है, जिसमें भर्ती, प्रशिक्षण और ब्रेनवॉश की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है।
महिलाओं के लिए 'दौरा-ए-तस्किया' कोर्स
अजहर का कहना है कि इस नए कोर्स 'दौरा-ए-तस्किया' के माध्यम से महिलाएं इस्लामी जिहाद में भाग लेंगी और मरने के बाद सीधे जन्नत में जाएंगी। उसने बताया कि पुरुषों के लिए 15 दिन का 'दौरा-ए-तर्बियत' कोर्स होता है, उसी तरह महिलाओं के लिए भी 'दौरा-ए-तस्किया' आयोजित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण बहावलपुर के मार्कज उस्मान ओ अली से संचालित होगा।
महिला विंग का नेतृत्व
रिपोर्टों के अनुसार, इस महिला विंग की जिम्मेदारी अजहर की बहन सादिया अजहर को सौंपी गई है। उनके पति यूसुफ अजहर की मौत भारत के ऑपरेशन सिंदूर में हुई थी। इसके अलावा, अजहर की दूसरी बहन समीरा अजहर और पुलवामा हमले के आतंकवादी उमर फारूक की विधवा अफीरा फारूक को भी नेतृत्व की भूमिका दी गई है। ये महिलाएं ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से नए सदस्यों को भर्ती और प्रेरित करेंगी।
हिंदू महिलाओं से मुकाबले का तर्क
अजहर ने अपने संदेश में कहा कि 'हमारे दुश्मनों ने हिंदू महिलाओं को सेना में शामिल कर लिया है और महिला पत्रकारों को हमारे खिलाफ खड़ा किया है। अब हमें अपनी महिलाओं को तैयार करना होगा ताकि वे मुकाबला कर सकें।' उसने यह भी कहा कि महिला ब्रिगेड अब पुरुष मुजाहिदीन के साथ मिलकर इस्लाम का प्रचार करेगी। संगठन ने हर जिले में शाखा खोलने की योजना बनाई है।
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
मसूद अजहर के इस कदम को भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' का परिणाम माना जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस हमले में जैश और लश्कर के कई ठिकाने नष्ट हुए थे, जिनमें बहावलपुर और मुरिदके के मुख्यालय भी शामिल थे। अजहर के परिवार के 14 सदस्य इस हमले में मारे गए थे।
महिलाओं से फंडिंग और आत्मघाती हमलों की आशंका
सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर अब हर महिला भर्ती से 500 पाकिस्तानी रुपये दान के रूप में ले रहा है। भर्ती के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरे जा रहे हैं और प्रतिदिन पांच दिन ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जैश की यह नई रणनीति भविष्य में महिला आत्मघाती हमलों की शुरुआत कर सकती है, जो पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क के नए स्वरूप को दर्शाती है।