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यमन के मुकल्ला में हालात बिगड़े, सऊदी हवाई हमले के बाद आपातकाल घोषित

यमन के मुकल्ला में हालात गंभीर हो गए हैं, जब सऊदी अरब ने बंदरगाह पर हवाई हमले किए। इसके परिणामस्वरूप हूती विरोधी ताकतों ने आपातकाल की घोषणा की और सभी सीमाओं को बंद कर दिया। सऊदी अरब का कहना है कि यह हमला यूएई समर्थित अलगाववादी बलों के लिए भेजे जा रहे हथियारों को निशाना बनाकर किया गया। इस स्थिति ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है, जिससे यमन में सुरक्षा समझौते भी रद्द हो गए हैं। जानें इस संकट के पीछे की पूरी कहानी।
 

मुकल्ला में गंभीर स्थिति


नई दिल्ली: यमन के मुकल्ला शहर में हालात अचानक गंभीर हो गए हैं। सऊदी अरब द्वारा बंदरगाह पर हवाई हमले के बाद यमन की हूती विरोधी ताकतों ने आपातकाल की घोषणा की है। इस हमले के परिणामस्वरूप प्रशासन ने 72 घंटे के लिए पूर्ण सीमा बंद करने का निर्णय लिया है। सभी सीमा पार करने वाले मार्गों और आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।


सऊदी अरब का हवाई हमला

सऊदी अरब ने बताया कि यह हवाई हमला एक हथियारों की खेप को निशाना बनाकर किया गया। रियाद के अनुसार, ये हथियार संयुक्त अरब अमीरात समर्थित अलगाववादी बलों के लिए भेजे जा रहे थे। सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने कहा कि मुकल्ला में पहुंचे जहाजों से बख्तरबंद वाहन और हथियार उतारे जा रहे थे, जिनकी ट्रैकिंग प्रणाली बंद थी।




सुरक्षा समझौते का रद्द होना

सुरक्षा समझौता क्यों हुआ रद्द?


हमले के बाद, यमन की हूती विरोधी प्रशासनिक इकाई ने यूएई के साथ सुरक्षा समझौता समाप्त कर दिया। सरकारी बयान में कहा गया कि यूएई के साथ संयुक्त रक्षा समझौता तुरंत प्रभाव से समाप्त किया जाता है। यह निर्णय क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है।


सऊदी अरब का बयान

सऊदी अरब ने अपने बयान में क्या कहा?


सऊदी अरब ने कहा कि ये हथियार दक्षिणी ट्रांजिशनल काउंसिल के लिए थे, जो एक शक्तिशाली अलगाववादी संगठन है और जिसे यूएई का समर्थन प्राप्त है। सऊदी गठबंधन ने यह भी कहा कि ये हथियार शांति और स्थिरता के लिए तत्काल खतरा थे, इसलिए सीमित और सटीक हमला किया गया ताकि नागरिकों को नुकसान न हो।


दोनों देश हूती विद्रोहियों के खिलाफ हैं, लेकिन यमन में अलग-अलग गुटों का समर्थन करते हैं। मुकल्ला शहर यमन के हदरमौत प्रांत में स्थित है और अदन से लगभग 480 किलोमीटर दूर है।


STC का बढ़ता प्रभाव

STC ने बढ़ाया प्रभाव 


हाल के दिनों में, दक्षिणी ट्रांजिशनल काउंसिल ने इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाया है। उसने सऊदी समर्थित नेशनल शील्ड फोर्स से जुड़ी इकाइयों को पीछे धकेल दिया है। शुक्रवार को हुए पहले हवाई हमलों को एसटीसी के लिए चेतावनी माना गया था। पूरा रेड सी क्षेत्र पहले से ही अस्थिर है। सूडान और सोमालिया से जुड़े घटनाक्रमों के कारण भी तनाव बढ़ा हुआ है। पूर्वी यमन की स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है और समाधान की कोशिशें और जटिल होती जा रही हैं।