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यमन में सऊदी अरब और यूएई के बीच बढ़ता तनाव

मिडिल ईस्ट में संघर्ष की स्थिति एक नए मोड़ पर पहुंच गई है, जहां यमन सऊदी अरब और यूएई के बीच टकराव का केंद्र बनता जा रहा है। हाल ही में सऊदी अरब ने यमन के मुकल्ला पर बमबारी की, जिसका उद्देश्य यूएई समर्थित अलगाववादी संगठन के लिए भेजी गई हथियारों की खेप को निशाना बनाना था। यूएई ने अपने बलों की वापसी का निर्णय लिया है, जबकि सऊदी अरब ने यूएई पर आरोप लगाया है कि वह यमन में अलगाववादियों का समर्थन कर रहा है। इस स्थिति में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
 

मिडिल ईस्ट में संघर्ष की नई परत

मिडिल ईस्ट में युद्ध की स्थिति अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुकी है। इसराइल के बाद, यमन अब दो मुस्लिम देशों के बीच टकराव का केंद्र बनता जा रहा है। यह क्षेत्र पहले से ही हूतियों के कारण चर्चा में रहा है। सऊदी अरब की सरकार ने कई बार चेतावनी दी है। मंगलवार को, सऊदी अरब ने यमन के दक्षिणी बंदरगाह शहर मुकल्ला पर जोरदार बमबारी की। सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने दावा किया है कि यह हमला संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समर्थित अलगाववादी संगठन सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (एसटीसी) के लिए भेजी गई हथियारों की खेप को निशाना बनाकर किया गया।


हथियारों की गुप्त खेप का खुलासा

सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, यूएई के पूर्वी तट के बंदरगाह शहर फुजेरा से एक जहाज मुकल्ला पहुंचा था। इस जहाज से एसटीसी के लड़ाकों के लिए भारी मात्रा में हथियार और लड़ाकू वाहन उतारे जा रहे थे। सऊदी सेना ने कहा कि जहाजों की ट्रैकिंग सिस्टम बंद कर दी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हथियारों की यह खेप गुप्त रूप से भेजी जा रही थी। सऊदी अरब ने स्पष्ट किया है कि यूएई द्वारा यमन में अलगाववादियों को समर्थन देना बेहद खतरनाक है और यह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।


यूएई की बलों की वापसी

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा है कि उसे दिए गए अल्टीमेटम के बाद वह यमन में तैनात अपने शेष बलों को वापस बुला लेगा। यूएई के रक्षा मंत्रालय ने सरकारी समाचार एजेंसी के माध्यम से बयान जारी किया है कि यह निर्णय हालिया घटनाक्रमों और आतंकवाद-रोधी अभियानों की सुरक्षा पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को देखते हुए लिया गया है। हालांकि, बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि बलों की वापसी कब पूरी होगी।


संयम की अपील

सऊदी अरब ने यूएई पर यमन में अलगाववादियों के हमले का समर्थन करने का आरोप लगाया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, यूएई ने संयम और समझदारी बरतने की अपील की है और सऊदी अरब के आरोपों को नकार दिया है। यमन के बंदरगाह शहर मुकल्ला पर सऊदी अरब के हवाई हमले के बाद, यूएई के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। सऊदी अरब का कहना है कि यूएई ने वहां बख्तरबंद वाहन और हथियार भेजे थे। यूएई ने हथियार भेजने के आरोप से इनकार किया, लेकिन वाहनों की खेप भेजने की बात स्वीकार की।