यमुना नदी में बाढ़ का खतरा: दिल्ली में जल स्तर बढ़ने की आशंका
हथनीकुंड बैराज के गेट खोले गए
पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के कारण सोमवार शाम को हथनीकुंड बैराज के सभी गेट खोलने पड़े। इसके परिणामस्वरूप यमुना का जल स्तर तेजी से बढ़ा और यह खतरे के निशान को पार कर गया। जल स्तर में वृद्धि के साथ, यमुना का पानी यमुनानगर के गांवों और सहारनपुर बॉर्डर के निकट के क्षेत्रों में प्रवेश कर गया, जिससे हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया।
खतरे के निशान को पार करने की स्थिति
सोमवार को दोपहर बाद यमुना नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया। हरियाणा सरकार ने उन सभी जिलों के प्रशासन को सतर्क कर दिया है, जहां से यमुना गुजरती है। सभी जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
दिल्ली में बाढ़ का खतरा
हरियाणा से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण, सोमवार शाम तक दिल्ली में यमुना का जल स्तर 205.59 मीटर तक पहुंच गया। जल स्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। दिल्ली पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों ने यमुना किनारे की झुग्गियों में सर्च ऑपरेशन चलाया। प्रशासन ने बाढ़ क्षेत्र से सभी को सुरक्षित स्थानों पर निकाला। पूर्वी दिल्ली में गीता कॉलोनी के पास केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से यमुना के जल स्तर की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
पानी की मात्रा जो छोड़ी गई
हथनीकुंड बैराज से रविवार को लगभग 1.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जबकि सोमवार को दोपहर में फिर से लगभग 1.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। रविवार को छोड़ा गया पानी आधी रात में दिल्ली पहुंचेगा, जबकि सोमवार को छोड़ा गया पानी मंगलवार शाम तक दिल्ली पहुंचेगा। इसके बाद यह आशंका है कि दिल्ली का जल स्तर 206.0 मीटर के पार चला जाएगा।