यूक्रेन और अमेरिका ने शांति योजना का नया मसौदा तैयार किया
यूक्रेन और अमेरिका की नई शांति योजना
कीव: रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, यूक्रेन और अमेरिका ने कई हफ्तों की गहन वार्ताओं के बाद एक संशोधित शांति योजना का मसौदा तैयार किया है। पहले 28 बिंदुओं वाली इस योजना को यूक्रेन ने आत्मसमर्पण जैसा मानकर अस्वीकार कर दिया था, लेकिन अब इसे 20 बिंदुओं के ढांचे में परिवर्तित किया गया है। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने 23 दिसंबर को इस योजना की मुख्य रूपरेखा को पहली बार सार्वजनिक किया।
कीव इंडिपेंडेंट और अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस नए मसौदे में रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जबकि यूक्रेन की संप्रभुता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। जेलेंस्की ने कहा कि दस्तावेजों को अंतिम रूप देने में काफी प्रगति हुई है और यह योजना युद्ध के बाद के भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
योजना के साथ अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज
इस योजना के साथ तीन अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी तैयार किए गए हैं:
- यूक्रेन, अमेरिका और यूरोप के बीच त्रिपक्षीय सुरक्षा गारंटी समझौता।
- यूक्रेन और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा गारंटी पैक्ट, जो नाटो के अनुच्छेद 5 जैसी मजबूत सुरक्षा प्रदान करेगा।
- आर्थिक सहयोग पर केंद्रित "यूक्रेन की समृद्धि के लिए रोडमैप", जो युद्ध के बाद पुनर्निर्माण और विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।
रूस पर दबाव बनाने की रणनीति
मुख्य 20 बिंदुओं में यूक्रेन की संप्रभुता की पुष्टि, रूस-यूक्रेन के बीच गैर-आक्रमण समझौता, शांतिकाल में यूक्रेनी सेना की संख्या को 8 लाख तक सीमित रखना, यूरोपीय संघ की सदस्यता की तारीख निर्धारित करना और जापोरिजिया परमाणु संयंत्र पर नियंत्रण जैसे मुद्दे शामिल हैं। हालांकि, डोनबास क्षेत्र और परमाणु संयंत्र पर अभी भी मतभेद बने हुए हैं। जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय समझौते के लिए कोई पीछे हटना स्वीकार्य नहीं है, लेकिन फ्री इकोनॉमिक जोन जैसे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।
यह मसौदा अब रूस को सौंपा जाएगा, और यदि सहमति बनी तो नेताओं के हस्ताक्षर से अंतिम समझौता हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना न केवल युद्धविराम बल्कि लंबे समय की स्थिरता और आर्थिक पुनर्निर्माण पर केंद्रित है। यूक्रेन सरकार का कहना है कि रूस की प्रतिक्रिया से आगे का रास्ता तय होगा, लेकिन शांति की दिशा में यह एक सकारात्मक विकास है।