यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप-पुतिन बैठक स्थगित: अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते मतभेद
ट्रंप और पुतिन की बैठक का स्थगन
यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में अमेरिका और रूस के बीच प्रस्तावित ट्रंप-पुतिन बैठक को अब अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह मुलाकात अक्टूबर 2025 में हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में होने वाली थी। हालाँकि, रूस द्वारा युद्धविराम के लिए इनकार और यूक्रेन से अतिरिक्त क्षेत्रों की मांग के कारण दोनों देशों के बीच मतभेद और बढ़ गए, जिसके चलते यह बैठक रद्द करनी पड़ी।
मार्को रुबियो और सर्गेई लावरोव के बीच बहस
इससे पहले, यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के संभावित उपायों पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच टेलीफोन पर तीखी बहस हुई थी। लावरोव ने फिर से संकेत दिया है कि वह रुबियो से मिलने के लिए तैयार हैं, लेकिन बातचीत में रूस के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम संवाद के पक्षधर हैं और जरूरत पड़ने पर आमने-सामने मुलाकात के लिए भी तैयार हैं, लेकिन किसी भी शांति प्रक्रिया में रूसी हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी।
रूस का स्पष्ट रुख
रूस का स्पष्ट रुख है कि जब तक डोनबास क्षेत्र सहित अतिरिक्त यूक्रेनी इलाके उसके नियंत्रण में नहीं आ जाते, तब तक वह किसी शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। दूसरी ओर, अमेरिका और यूक्रेन चाहते हैं कि मौजूदा मोर्चों पर तुरंत युद्धविराम लागू किया जाए, लेकिन मॉस्को ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बैठक रद्द करने के निर्णय पर कहा कि यह सही समय नहीं था। उनके अनुसार, वे किसी ऐसे संवाद में शामिल नहीं होना चाहते थे जिसका कोई ठोस परिणाम न निकले। ट्रंप ने यह भी कहा कि रूस फिलहाल युद्ध रोकने के मूड में नहीं है।
रूसी तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध
अगस्त 2025 में अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची थी। अमेरिकी प्रशासन को चिंता थी कि बुडापेस्ट बैठक भी उसी तरह निष्फल रह जाएगी, इसलिए इसे टालना बेहतर समझा गया। बैठक रद्द होने के तुरंत बाद अमेरिका ने रूसी तेल कंपनियों पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए, जिसे वाशिंगटन की नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य यूक्रेन युद्ध को लेकर मॉस्को पर दबाव बढ़ाना है।
क्रेमलिन का बयान
वहीं, क्रेमलिन ने यह दावा खारिज किया कि विदेश मंत्री लावरोव की स्थिति राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष कमजोर हुई है। रूसी प्रवक्ता ने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेंगे। रूस संवाद के लिए तैयार है, लेकिन अपने शर्तों पर।