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यूक्रेन युद्ध में पुतिन का अमेरिका के शांति प्रस्ताव पर सतर्क रुख

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका द्वारा प्रस्तुत यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए शांति प्रस्ताव को स्वीकार किया है, लेकिन उन्होंने इस पर गंभीर चर्चा की कमी की ओर इशारा किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने देश की स्थिति को गंभीर बताते हुए दो विकल्पों का सामना करने की बात कही है। यूरोपीय देशों ने भी यूक्रेन के प्रति समर्थन जताया है, जबकि अमेरिका-रूस के बीच बैकडोर वार्ता जारी है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक।
 

पुतिन ने अमेरिका के शांति प्रस्ताव को स्वीकार किया


नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को अमेरिका द्वारा प्रस्तुत यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए शांति प्रस्ताव को एक सतर्क दृष्टिकोण के साथ स्वीकार किया। पुतिन ने कहा कि यह योजना एक संभावित अंतिम शांति समझौते की आधारशिला बन सकती है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पर मॉस्को और वाशिंगटन के बीच अब तक कोई गंभीर बातचीत नहीं हुई है।


यूक्रेन के लिए निर्णायक समय

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि देश चार साल से चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। उनका कहना है कि अब यूक्रेन के सामने दो विकल्प हैं: या तो अपने संप्रभु अधिकारों की रक्षा करना, या अमेरिकी समर्थन खोने का जोखिम उठाना।


अमेरिकी प्रस्ताव में कई ऐसे बिंदु शामिल हैं जिन्हें यूक्रेन पहले ही अस्वीकार कर चुका है, जैसे कि रूस को कुछ क्षेत्रों का हस्तांतरण, सेना का आकार घटाना, और नाटो सदस्यता में रुकावटें स्वीकार करना। ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि वह वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन यूक्रेन की गरिमा और सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।


अमेरिकी दबाव और कठिन निर्णय

जेलेंस्की ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल के साथ प्रस्ताव पर लगभग एक घंटे चर्चा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि कीव अगले गुरुवार तक इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दे, हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि समय सीमा बढ़ाई जा सकती है।


जेलेंस्की ने यह भी स्वीकार किया कि वर्तमान में यूक्रेन पर दबाव बहुत अधिक है और देश को कठिन निर्णयों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने यूक्रेनवासियों से आंतरिक विवादों को छोड़कर एकजुट रहने की अपील की।


यूरोपीय देशों का समर्थन

जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने जेलेंस्की से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि यूरोप यूक्रेन को उसके संघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेगा। फिर भी, यूरोपीय देश भी अमेरिकी प्रस्ताव से चकित हैं और इसे लेकर अपनी चिंताओं को व्यक्त कर रहे हैं।


यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कल्लास ने कहा कि रूस का युद्ध पूरे यूरोप के लिए एक अस्तित्व का खतरा है और किसी भी शांति समझौते की शर्तें अंततः यूक्रेन द्वारा तय की जाएंगी। यूरोपीय अधिकारियों का मानना है कि गलत समझौते से न केवल यूक्रेन, बल्कि यूरोप की समग्र सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।


अमेरिका-रूस के बीच बैकडोर वार्ता

रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ने यूक्रेन से बातचीत के बाद अपने प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया था, हालांकि यूक्रेन के शीर्ष अधिकारी उमरोव ने कहा कि उन्होंने केवल तैयारी में सहयोग किया, मसौदे पर सहमति नहीं दी। मॉस्को ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसे कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं मिला है, लेकिन दोनों देशों के बीच संपर्क जारी है।


जमीनी स्थिति की गंभीरता

शुक्रवार को दक्षिणी यूक्रेन के जापोरिज्जिया शहर पर रूसी ग्लाइड बम से हमला हुआ, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। ओडेसा में ड्रोन हमले में भी एक 16 वर्षीय लड़के सहित पांच लोग घायल हुए।


नागरिक क्षेत्रों पर लगातार हो रहे इन हमलों ने युद्ध की गंभीरता और जमीनी स्थिति की भयावहता को फिर से उजागर किया है।