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यूक्रेन युद्ध समाप्ति पर ट्रम्प और पुतिन के बीच वार्ता का नया मोड़

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में संकेत दिया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन युद्ध समाप्त करने की इच्छा रखते हैं। हालांकि, मास्को में हुई वार्ता किसी ठोस समझौते तक नहीं पहुंच सकी। ट्रम्प के विशेष दूतों ने यूक्रेन युद्ध के अंत पर चर्चा की, लेकिन रूस ने कई बिंदुओं पर असहमति जताई। इस बीच, कीव के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने शांति की संभावना को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं। क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा? जानें पूरी कहानी में।
 

यूक्रेन युद्ध पर ट्रम्प और पुतिन की बातचीत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को बातचीत के बाद संकेत दिया कि वर्तमान जानकारी के अनुसार, पुतिन युद्ध समाप्त करने की इच्छा रखते हैं। हालांकि, मास्को में हुई लंबी चर्चा किसी ठोस समझौते तक नहीं पहुंच सकी। ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जैरेड कुश्नर ने क्रेमलिन में देर रात तक यूक्रेन युद्ध के अंत पर चर्चा की, लेकिन रूस ने कई बिंदुओं पर अमेरिकी प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इस प्रस्ताव में पूर्वी डोनबास के कुछ क्षेत्रों पर यूक्रेन को नियंत्रण छोड़ने का सुझाव भी शामिल था, जिस पर मास्को ने आंशिक असहमति जताई है.


ट्रम्प की स्थिति और आगे की बातचीत

ट्रम्प ने कहा कि वर्तमान स्थिति पर आगे कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी, क्योंकि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें दोनों पक्षों की सहमति आवश्यक है। उनका मानना है कि पुतिन युद्ध समाप्त करने की इच्छा रखते हैं, और यही संकेत वार्ता टीम को भी मिला है। अमेरिकी दल अब गुरुवार को फ्लोरिडा में यूक्रेन के प्रमुख वार्ताकार रुसतम उमेरोव से मुलाकात करेगा, ताकि चर्चा को आगे बढ़ाया जा सके।


क्रेमलिन की प्रतिक्रिया

दूसरी ओर, क्रेमलिन ने स्पष्ट किया है कि बातचीत जारी रहेगी, क्योंकि हाल के हफ्तों में यूक्रेन मोर्चे पर रूसी सेना की प्रगति ने उसकी स्थिति को मजबूत किया है। रूस ने नाटो से जुड़े मुद्दों को वार्ता का मुख्य अवरोध बताया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में कहा है कि यदि यूक्रेन पीछे नहीं हटता, तो रूस आगे बढ़कर शेष दावा किए गए क्षेत्रों पर कब्ज़ा करेगा।


ज़ेलेंस्की की शांति की उम्मीद

कीव में राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि शांति की संभावना दिखाई दे रही है, लेकिन इसके लिए रूस पर दबाव बनाना आवश्यक है। उनका मानना है कि मौजूदा कूटनीतिक तेज़ी के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका निर्णायक होगी। इसी बीच, नाटो ने यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की बड़ी खेप देने की पुष्टि की है, यह कहते हुए कि युद्ध के बीच शांति वार्ता चलना सकारात्मक संकेत है, लेकिन यूक्रेन की स्थिति मजबूत रहनी चाहिए।


यूरोपीय देशों की चिंता

यूरोपीय देशों ने भी चिंता जताई है कि कहीं अमेरिका और रूस कोई ऐसा निर्णय न ले लें, जिससे उनके हितों और यूक्रेन की संप्रभुता की आवाज़ कमजोर हो जाए। यूरोपीय कूटनीति लगातार अमेरिकी प्रस्ताव में संशोधन की मांग कर रही है ताकि यूक्रेन को किसी भी रूप में आत्मसमर्पण के दबाव में न डाला जाए।