येरूशलम का विवादित स्थल: धर्मों का संगम और ऐतिहासिक महत्व
धरती का एक छोटा सा टुकड़ा, बड़ा विवाद
हमारी पृथ्वी का आकार विशाल है, जो लगभग 51 करोड़ स्क्वायर किलोमीटर में फैली हुई है। इसमें से केवल 29 प्रतिशत भूमि है, जो कुल मिलाकर 15 करोड़ स्क्वायर किलोमीटर के बराबर है। यह आंकड़े सुनकर आपको यह सोचने पर मजबूर कर सकते हैं कि हम भूगोल की बात क्यों कर रहे हैं। लेकिन आज हम एक ऐसे विवाद पर चर्चा करेंगे, जिसका आधार भूमि है। यह विवाद केवल 35 एकड़ के एक छोटे से प्लॉट से संबंधित है, जो दुनिया के सबसे विवादित स्थलों में से एक है। इसका कारण यह है कि तीन प्रमुख धर्म इस भूमि पर अपना दावा करते हैं। यह स्थल येरूशलम का है, जहां शहर के प्राचीन हिस्से में एक पहाड़ी पर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल स्थित है। यह स्थल यहूदियों के लिए 'हर हवाई अल' और मुसलमानों के लिए 'हरम अल शरीफ' के नाम से जाना जाता है।
धार्मिक मान्यताएं और ऐतिहासिक संदर्भ
यहूदियों की मान्यता के अनुसार, उनके पैगंबर अब्राहम के दो बेटे थे, इस्माइल और इसाक। एक बार, ईश्वर ने अब्राहम से इसाक की बलि मांगी, लेकिन ईश्वर ने एक मेढ़े को बलिदान के लिए भेजा। यह घटना इस स्थल पर हुई थी, जिसके कारण यह स्थल यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण बन गया। इसीलिए, इजरायल के राजा किंग सोलमॉन ने 1000 ईसा पूर्व में यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया, जिसे यहूदी 'फर्स्ट टेंपल' कहते हैं। बाद में, बेबिलोनियन सभ्यता ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया। 516 ईसा पूर्व में यहूदियों ने फिर से इसी स्थान पर एक मंदिर का निर्माण किया, जिसे 'सेकेंड टेंपल' कहा गया।
वर्तमान स्थिति और धार्मिक प्रतिबंध
यह स्थल इतना महत्वपूर्ण है कि आम यहूदियों को यहां प्रवेश की अनुमति नहीं थी, केवल पुजारी ही यहां आ सकते थे। सेकेंड टेंपल लगभग 600 वर्षों तक अस्तित्व में रहा, लेकिन 70 ईस्वी में रोमन साम्राज्य ने इसे नष्ट कर दिया। हालांकि, इस मंदिर की एक दीवार, जिसे 'वेस्टर्न वॉल' कहा जाता है, आज भी मौजूद है। यह दीवार सेकेंड टेंपल के बाहरी आहाते का हिस्सा मानी जाती है। धार्मिक यहूदियों को यह पता नहीं है कि मंदिर का भीतरी हिस्सा कहां स्थित है, क्योंकि प्राचीन समय में उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं थी। इसलिए, आज भी कई धार्मिक यहूदी वेस्टर्न वॉल के पास ही प्रार्थना करते हैं।