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रूस और भारत के बीच महत्वपूर्ण सैन्य समझौता हुआ मंजूर

रूस की संसद ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण सैन्य समझौते को मंजूरी दी है, जो 4-5 दिसंबर को राष्ट्रपति पुतिन की नई दिल्ली यात्रा से पहले हुआ। यह समझौता दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करेगा, जिसमें सैन्य टुकड़ियों और उपकरणों की तैनाती के लिए प्रक्रियाएं शामिल हैं। समझौते के तहत, रूस और भारत एक-दूसरे के सैन्य संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे, जिससे उनके संबंधों में और मजबूती आएगी।
 

रूस की ड्यूमा ने भारत के साथ सैन्य समझौते को दी मंजूरी

रूस की संसद के निचले सदन, जिसे ‘ड्यूमा’ कहा जाता है, ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4-5 दिसंबर को नई दिल्ली की यात्रा से पहले भारत के साथ एक महत्वपूर्ण सैन्य समझौते को मंगलवार को स्वीकृति प्रदान की। यह समझौता 18 फरवरी को दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित सैन्य साजो सामान सहयोग के पारस्परिक आदान-प्रदान (आरईएलओएस) से संबंधित है, जिसे पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन द्वारा अनुमोदन के लिए ‘ड्यूमा’ को भेजा गया था।


‘ड्यूमा’ के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने सदन की पूर्ण बैठक में कहा, ‘‘भारत के साथ हमारे संबंध रणनीतिक और व्यापक हैं, और हम उन्हें अत्यधिक महत्व देते हैं। हमें विश्वास है कि इस समझौते की मंजूरी हमारे संबंधों के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’


आरईएलओएस समझौता यह निर्धारित करता है कि रूस और भारत एक-दूसरे के यहां सैन्य टुकड़ियों, युद्धपोतों और सैन्य विमानों को कैसे भेजेंगे, और उनके बीच सैन्य साजो सामान सहायता किस प्रकार प्रदान की जाएगी।


यह समझौता न केवल सैनिकों और सैन्य उपकरणों की तैनाती को नियंत्रित करेगा, बल्कि उनकी साजो सामान संबंधी व्यवस्थाओं को भी निर्धारित करेगा। तय की गई प्रक्रिया का उपयोग संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, मानवीय सहायता, आपदाओं के बाद राहत कार्यों और अन्य सहमति वाले मामलों में किया जाएगा।


‘ड्यूमा’ की वेबसाइट पर जारी एक नोट में रूसी मंत्रिपरिषद ने कहा कि इस दस्तावेज की मंजूरी से रूसी और भारतीय युद्धपोतों को दोनों देशों के हवाई क्षेत्र और बंदरगाहों का पारस्परिक उपयोग करने की सुविधा मिलेगी।