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रूस का चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने का महत्वाकांक्षी योजना

रूस ने चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष मिशनों को निरंतर ऊर्जा प्रदान करना है। यह योजना वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच आई है, जब अन्य शक्तियाँ भी चांद पर अनुसंधान को तेज कर रही हैं। जानें रूस के अंतरिक्ष इतिहास और हाल की चुनौतियों के बारे में।
 

रूस की नई योजना


नई दिल्ली: रूस अगले दस वर्षों में चांद पर एक न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने की योजना बना रहा है। इस प्लांट से उत्पन्न बिजली का उपयोग चांद पर भेजे जाने वाले रूसी अंतरिक्ष मिशनों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, यह रूस-चीन के संयुक्त रिसर्च स्टेशन को भी ऊर्जा प्रदान करेगा।


चांद पर प्रतिस्पर्धा

यह योजना उस समय सामने आई है जब वैश्विक शक्तियाँ चांद पर अपने अनुसंधान को तेज कर रही हैं और वहां संसाधनों के उपयोग की संभावनाओं की खोज कर रही हैं।


रूस की अंतरिक्ष यात्रा का इतिहास

पहला मानव अंतरिक्ष यात्री


रूस का स्पेस टेक्नोलॉजी में एक समृद्ध इतिहास रहा है। 1961 में, सोवियत संघ के अंतरिक्ष यात्री यूरी गगारिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति बने। उस समय रूस को अंतरिक्ष तकनीक में अग्रणी माना जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में अमेरिका और चीन ने इस क्षेत्र में रूस को पीछे छोड़ दिया है।


रूस को हाल में झटका

लूना-25 मिशन की असफलता


अगस्त 2023 में रूस को एक बड़ा झटका लगा जब उनका मानवरहित लूना-25 मिशन चांद पर लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।


इस बीच, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने एक शक्तिशाली रॉकेट विकसित कर स्पेस लॉन्च उद्योग में नई क्रांति ला दी है, जो कभी रूस की पहचान थी। फिर भी, रूस अब एक नई रणनीति के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रहा है।


रूस का भविष्य का प्लान

पावर प्लांट की स्थापना


रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने बताया है कि वह 2036 तक चांद पर एक पावर प्लांट स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उसने लावोचिन एसोसिएशन एयरोस्पेस कंपनी के साथ सहयोग किया है। हालांकि, रोस्कोस्मोस ने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा है कि यह प्लांट न्यूक्लियर होगा, लेकिन इसमें रूस की सरकारी परमाणु कंपनी रोसाटॉम और प्रमुख अनुसंधान संस्थान कुरचटोव इंस्टीट्यूट की भागीदारी इसे न्यूक्लियर प्रोजेक्ट की ओर इशारा करती है।


रोस्कोस्मोस के अनुसार, इस पावर प्लांट का मुख्य उद्देश्य चांद या उसके आसपास भेजे जाने वाले रूसी मिशनों को निरंतर ऊर्जा प्रदान करना है। एजेंसी ने कहा कि इस पावर प्लांट का उद्देश्य रूस के लूनर मिशन को ऊर्जा सप्लाई करना है।