×

रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा: सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में कदम

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा का उद्देश्य सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है। यह यात्रा भारत-रूस के संबंधों की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सहयोग, व्यापार और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जानें इस यात्रा के प्रमुख बिंदु और संभावित घोषणाएं।
 

पुतिन की भारत यात्रा का उद्देश्य

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचेंगे। इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। पुतिन की यह यात्रा भारत-रूस के सामरिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब भारत के अमेरिका के साथ संबंधों में गिरावट आई है।


शुक्रवार को होने वाली शिखर वार्ता में रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने, द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबावों से सुरक्षित रखने और छोटे 'मॉड्यूलर रिएक्टर' में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस वार्ता पर पश्चिमी देशों की नजरें रहेंगी।


पुतिन का भारत दौरा

पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर भारत आ रहे हैं, और यह उनकी यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने के बाद पहली यात्रा है। यह दौरा 2021 के बाद उनका पहला भारत दौरा है, जो भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ और दोनों देशों के बीच 23वें द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के साथ मेल खाता है।


नई दिल्ली पहुंचने के बाद, पुतिन पीएम मोदी द्वारा आयोजित निजी डिनर में शामिल होंगे। शुक्रवार सुबह, उनका राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें तीनों सेनाओं द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।


बातचीत और संभावित घोषणाएं

बातचीत के बाद कई महत्वपूर्ण घोषणाएं और एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। पुतिन के साथ उनके डिफेंस, फाइनेंस, कृषि, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, आंतरिक मामलों और परिवहन मंत्रालयों के मंत्री भी होंगे।


रूसी राष्ट्रपति के सहयोगी उरी उशाकोव ने बताया कि पुतिन और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत नियमित और गोपनीय होगी।


आर्थिक सहयोग पर ध्यान

उशाकोव ने कहा कि पीएम मोदी और पुतिन व्यापार और आर्थिक साझेदारी पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें 2024 में द्विपक्षीय व्यापार में 12 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। रूस भारत की व्यापार असंतुलन की चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है।


2030 तक रूस-भारत आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों के विकास का कार्यक्रम भी एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।


बिजनेस फोरम और उद्योग सहयोग

शुक्रवार को, मोदी और पुतिन इंडिया-रूस बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे, जहां निवेश के अवसरों, विनिर्माण साझेदारी और प्रौद्योगिकी सहयोग पर चर्चा की जाएगी।


उशाकोव ने बताया कि 2024 में रूसियों ने भारत की 80,000 से अधिक यात्राएं कीं, जबकि भारतीयों ने रूस का दौरा 40,000 से अधिक बार किया।


रक्षा सहयोग पर चर्चा

बातचीत के दौरान रक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भारत और रूस ब्रह्मोस के उन्नत संस्करणों के विकास पर चर्चा कर सकते हैं।


हाइपरसोनिक परियोजनाओं और भारत की S-400 मिसाइलों की खरीद की योजना पर भी विचार किया जाएगा।


अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार

नेता UN, SCO, G20 और BRICS में सहयोग सहित महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। रूस ने 2026 में BRICS की अध्यक्षता संभालने की तैयारी में भारत के साथ समन्वय करने की इच्छा व्यक्त की है।


पुतिन की यात्रा का समापन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार शाम को पुतिन के सम्मान में एक सरकारी दावत देंगी, जिसके बाद पुतिन मॉस्को के लिए रवाना होंगे।