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रूस में दिमित्री लुचिन का भयानक अपराध: नरभक्षण की कहानी

रूस में दिमित्री लुचिन की कहानी एक भयावह अपराध की दास्तान है, जिसमें उसने अपनी प्रेमिका की हत्या कर उसके अंगों को खाया। यह घटना 2018 में हुई थी और आज भी लोगों को दहशत में डाल देती है। दिमित्री की मानसिक स्थिति और उसके द्वारा किए गए भयानक कृत्य ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। जानें इस नरभक्षी हत्यारे की कहानी और उसके अपराध के पीछे की सच्चाई।
 

रूस में एक भयावह घटना


नई दिल्ली: रूस में एक भयानक घटना ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। यह कहानी दिमित्री लुचिन की है, जिसे दुनिया के सबसे खतरनाक अपराधियों में से एक माना जाता है। उसे नरभक्षी के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उसने अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद उसके अंगों को खा लिया था।


हत्या की भयावहता

यह घटना 2018 की है, जब दिमित्री की उम्र केवल 23 वर्ष थी। वह अपनी 45 वर्षीय प्रेमिका ओल्गा बुदुनोवा के घर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने गया था। दोनों ने शराब का सेवन किया, लेकिन दिमित्री के मन में कुछ और ही चल रहा था। अचानक, उसने ओल्गा के सिर पर शराब की बोतल से कई बार वार किया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। हत्या के बाद, उसने ओल्गा के शरीर को मांस काटने वाली छुरी से कई टुकड़ों में काट दिया और उसके दिमाग के कुछ हिस्सों को तवे पर भूनकर खा लिया।


भयानक कृत्य

दिमित्री ने केवल इतना ही नहीं किया, बल्कि उसने ओल्गा के शरीर से निकले खून को गिलास में भरकर पी लिया। उसने ओल्गा का पेट चीरकर उसके दोनों कान काटे, एक कान को अपने मुंह में रख लिया और दूसरे को घर की बिल्ली के बर्तन में डाल दिया। खून और बैंगनी नेल पॉलिश से उसने शरीर पर अपशब्द लिखे। दिमित्री को शैतान की पूजा करने वाला और जादू-टोने में विश्वास करने वाला माना जाता था। उसने ओल्गा के खून से दरवाजे पर शैतानी निशान बनाए, ताकि लूसिफर को बुला सके।


पुलिस की पूछताछ

पुलिस पूछताछ में दिमित्री ने स्वीकार किया कि भुने हुए दिमाग का स्वाद उसे पसंद आया, इसलिए उसने इसे फिर से चखा। जांच में यह भी सामने आया कि वह सीरियल किलर्स का बड़ा प्रशंसक था और इंटरनेट पर हत्यारों की डरावनी कहानियों को घंटों देखता था। वह प्रसिद्ध सोवियत सीरियल किलर आंद्रेई चिकातिलो की कहानियों से प्रभावित था। मुकदमे के दौरान, उसे अदालत में लोहे के पिंजरे में रखा गया था, जहां उसने एक अजीब कविता सुनाई, जिसमें उसने खुद को पागल या नरभक्षी नहीं, बल्कि एक छात्र, खिलाड़ी और कवि बताया।


कड़ी सजा

हालांकि, जज ने उसे चिकातिलो के बारे में बोलने से रोक दिया। डॉक्टरों ने उसे मानसिक रूप से स्वस्थ घोषित किया। दिमित्री को क्रूर हत्या का दोषी ठहराया गया और उसे 19 साल की कठोर सजा सुनाई गई। ओल्गा के पड़ोसी आज भी उस घटना को याद करके सहम जाते हैं। उन्होंने कहा कि फ्लैट का दृश्य इतना डरावना था कि मानो वह किसी दूसरी दुनिया का हो। यह घटना पूरे रूस को हिला कर रख दिया और अनुभवी पुलिस अधिकारियों को भी हैरान कर दिया। यह मामला दर्शाता है कि कैसे कोई व्यक्ति अंदर से इतना खतरनाक हो सकता है।