×

रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप और जेलेंस्की की महत्वपूर्ण बैठक

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब रूस ने कीव पर हमले तेज कर दिए हैं। दोनों नेता सुरक्षा गारंटी और आर्थिक सहयोग पर चर्चा करेंगे। जेलेंस्की ने कहा है कि शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन आवश्यक है। कनाडा ने भी यूक्रेन को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इस बैठक से यह तय होगा कि युद्ध शांति की ओर बढ़ेगा या टकराव और बढ़ेगा।
 

रूस-यूक्रेन संघर्ष में नई कूटनीतिक पहल

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते एक बार फिर कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रविवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करने वाले हैं। यह बैठक फ्लोरिडा के ट्रंप के निजी क्लब मार-ए-लागो में आयोजित की जाएगी, जहां वह छुट्टियाँ बिता रहे हैं।




यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब रूस ने कीव पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की संख्या बढ़ा दी है, जिससे यूक्रेन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। दोनों नेता सुरक्षा गारंटी, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय विवादों पर चर्चा करेंगे, विशेष रूप से पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में मतभेदों पर।




यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि उनका देश शांति के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार है, लेकिन इसके लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पूरी दुनिया, विशेषकर अमेरिका और यूरोप, एकजुट हों, तो रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।




हाल ही में कनाडा ने भी यूक्रेन को 2.5 अरब कनाडाई डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने रूस के हमलों की निंदा करते हुए इसे बर्बर बताया और स्थायी शांति की आवश्यकता पर जोर दिया।




सूत्रों के अनुसार, अमेरिका और यूक्रेन के बीच एक 20 बिंदुओं का मसौदा तैयार किया गया है, जो अंतिम चरण में है। इस प्रस्ताव में यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी देने पर विचार किया जा रहा है, हालांकि यूक्रेन की नाटो सदस्यता को फिलहाल टालने का संकेत दिया गया है।




बताया जा रहा है कि जेलेंस्की कुछ क्षेत्रों से सेना हटाने पर सहमत हो सकते हैं, बशर्ते रूस भी पीछे हटे और वहां अंतरराष्ट्रीय निगरानी में एक विसैन्यीकृत क्षेत्र स्थापित किया जाए। वहीं, रूस की मांग है कि यूक्रेन नाटो में शामिल न हो और कब्जे वाले क्षेत्रों को मान्यता दे।




क्रेमलिन के अनुसार, अमेरिका के साथ बातचीत जारी है, लेकिन रूस का रुख अब भी सख्त बना हुआ है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पूर्वी यूक्रेन और क्रीमिया पर अपने दावों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।




इस महत्वपूर्ण बैठक पर सभी की नजरें टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि लगभग चार वर्षों से चल रहा यह युद्ध शांति की ओर बढ़ेगा या फिर टकराव और बढ़ेगा।