रूस-यूक्रेन संघर्ष में तनाव बढ़ा, ड्रोन हमले का आरोप
नई दिल्ली में बढ़ते तनाव की खबर
नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सरकारी निवास पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले की कोशिश की। यह आरोप उस समय आया है जब दोनों देशों के बीच संभावित शांति वार्ताओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है। मॉस्को ने इस घटना को गंभीरता से लिया है।
रूसी विदेश मंत्री का बयान
लावरोव ने कहा कि 28 और 29 दिसंबर की रात यूक्रेन ने नोवगोरोड क्षेत्र में राष्ट्रपति पुतिन के सरकारी आवास को निशाना बनाने का प्रयास किया। उनके अनुसार, इस हमले में 91 लंबी दूरी के ड्रोन का उपयोग किया गया था। रूसी वायु रक्षा प्रणाली ने सभी ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ।
मॉस्को की कड़ी चेतावनी
लावरोव ने इस कथित हमले को आतंकवादी कृत्य बताते हुए चेतावनी दी कि ऐसी कार्रवाइयों का जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों ने पहले से ही संभावित लक्ष्यों की पहचान कर ली है। इसके साथ ही, उन्होंने संकेत दिया कि इस घटना के बाद रूस अपनी कूटनीतिक और सैन्य रणनीति पर पुनर्विचार करेगा।
शांति वार्ता पर प्रभाव
रूसी विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह हमला उस समय हुआ जब यूक्रेन के साथ संभावित शांति समझौते पर बातचीत चल रही थी। उन्होंने कहा कि रूस बातचीत से पीछे नहीं हटेगा, लेकिन अब अपनी स्थिति की समीक्षा करेगा। रूसी बयान से यह संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में रूस का रुख और सख्त हो सकता है।
यूक्रेन का जवाब
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूसी आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मॉस्को इस तरह के दावों के जरिए कीव में सरकारी इमारतों पर हमले का माहौल बना रहा है। जेलेंस्की के अनुसार, रूस का यह दावा शांति वार्ताओं को कमजोर करने की कोशिश है। यह भी स्पष्ट नहीं हो सका कि हमले के समय पुतिन अपने आवास में मौजूद थे या नहीं।
युद्ध की पृष्ठभूमि
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध फरवरी 2022 से जारी है, जब रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला किया था। यह संघर्ष 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे के बाद शुरू हुए तनाव का विस्तार माना जाता है। दिसंबर 2025 तक युद्ध जारी है और रूस यूक्रेन के लगभग 20 प्रतिशत क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए हुए है। दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है, जबकि शांति की कोशिशें अब तक सफल नहीं हो पाई हैं।