रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा: द्विपक्षीय वार्ता और सिलोविकी की भूमिका
नई दिल्ली में पुतिन का आगमन
नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज शाम भारत की राजधानी नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। यहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। साथ ही, वैश्विक समुदाय की नजरें पुतिन के साथ आए प्रतिनिधिमंडल और उनके गोपनीय सलाहकार समूह 'सिलोविकी' पर भी टिकी हुई हैं।
पुतिन के साथ कौन-कौन से मंत्री आ रहे हैं?
पुतिन के साथ सात प्रमुख मंत्री यात्रा पर आ रहे हैं, जो इस दौरे को आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं। इनमें रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव, वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव, कृषि मंत्री ओक्साना लुत, आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम रेशेतनिकोव, स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को, आंतरिक मामलों के मंत्री व्लादिमीर कोलोकोल्तसेव और परिवहन मंत्री रोमान निकितिन शामिल हैं। इसके अलावा, रूस के केंद्रीय बैंक की गवर्नर एलबिरा नबीउलिना भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
यात्रा के दौरान 10 से अधिक अंतर-सरकारी समझौतों और 15 से ज्यादा व्यावसायिक सौदों की उम्मीद है, जिनमें ऊर्जा निर्यात, मिसाइल प्रणालियां और लड़ाकू विमान शामिल हैं।
सिलोविकी: पुतिन के गुप्त सलाहकार
हालांकि, इस यात्रा का असली महत्व पुतिन के 'सिलोविकी' सर्कल से जुड़ा है। ये पूर्व KGB अधिकारी हैं, जो पुतिन के करीबी सलाहकार बने हुए हैं और रूस की नीतियों को गुप्त रूप से निर्देशित करते हैं। सिलोविकी का अर्थ 'शक्ति वाले' होता है, और ये लोग पुतिन की KGB पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। इनका प्रभाव इतना गहरा है कि रूस की विदेश नीति से लेकर यूक्रेन संकट तक, सभी महत्वपूर्ण निर्णय इनकी सलाह पर आधारित होते हैं।
सिलोविकी के प्रमुख सदस्य
सिलोविकी के प्रमुख सदस्यों में सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पटुशेव शामिल हैं, जो पूर्व FSB निदेशक रह चुके हैं। पटुशेव पुतिन के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक हैं और रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। FSB के निदेशक अलेक्जेंडर बोर्तनिकोव घरेलू खुफिया जानकारी प्रदान करते हैं, जबकि विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख सर्गेई नारिश्किन अंतरराष्ट्रीय खतरों पर सलाह देते हैं।
सर्गेई नारिश्किन, जो 1990 से पुतिन के साथ जुड़े हैं, को पुतिन के संभावित उत्तराधिकारियों में भी गिना जाता है। रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, जो रूस की सैन्य रणनीति और युद्ध संबंधी निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, पुतिन के सबसे पहले सलाहकार होते हैं। सर्गेई लावरोव, जो 21 वर्षों से विदेश मंत्री हैं, रूस की कूटनीति का प्रमुख चेहरा हैं और पुतिन की नीतियों के सबसे मजबूत स्तंभ माने जाते हैं।