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रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा: विशेष भोज और द्विपक्षीय वार्ता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 4 और 5 दिसंबर को भारत का दौरा किया, जिसमें उन्होंने विशेष भोज का आनंद लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करेंगे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित भोज में भारतीय पाककला की विविधता को प्रदर्शित किया गया, जिसमें शाकाहारी व्यंजन शामिल थे। जानें इस यात्रा के प्रमुख पहलुओं के बारे में।
 

पुतिन का भारत दौरा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 दिसंबर को 23वें इंडिया-रूस समिट के लिए भारत आए। चार साल बाद उनकी यह यात्रा भारतीय मेहमान नवाजी के लिए विशेष मानी जा रही है। इस बार भी उनके लिए एक खास मेन्यू तैयार किया गया, जिसमें उनकी पसंद, डाइट और सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया। पुतिन का भोजन हमेशा अलग से तैयार किया जाता है और हर डिश को कई स्तरों पर टेस्ट किया जाता है।


हैदराबाद हाउस में लंबी वार्ता और एक व्यावसायिक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद, पुतिन ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन का समापन एक विशेष रात्रिभोज के साथ किया। यह रात्रिभोज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित एक राजकीय भोज था, जिसमें भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।


भोज का महत्व

राष्ट्रपति भवन में आयोजित यह भोज पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा का समापन दर्शाता है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता की, भारत-रूस संबंधों की पुष्टि की और नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जो इन संबंधों को और मजबूत करेंगे।


विशेष भोज का आयोजन

राष्ट्रपति भवन में पुतिन के सम्मान में आयोजित राजकीय भोज एक भव्य पाककला का अनुभव था, जिसमें भारत के विविध खाद्य विकल्पों को प्रदर्शित किया गया। इस पूरी तरह से शाकाहारी भोज में क्षेत्रीय व्यंजन शामिल थे। इसकी शुरुआत मुरुंगेलाई चारू सूप, पारंपरिक दक्षिण भारतीय रस्म, काले चने के शिकमपुरी और मसालेदार चटनी के साथ वेजिटेबल झोल मोमो से हुई।


पुतिन और अन्य मेहमानों को जाफरानी पनीर रोल, पालक मेथी मटर का साग, तंदूरी भरवां आलू, अचारी बैंगन और पीली दाल तड़का परोसा गया। इसके साथ भारतीय ब्रेड जैसे लच्छा परांठा, मगज नान, सतानाज रोटी, मिस्सी रोटी और बिस्कुटी रोटी भी शामिल थे। रात्रिभोज के साथ अनार, संतरा, गाजर और अदरक का जूस जैसे पेय पदार्थ भी परोसे गए।