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विश्व UFO दिवस 2025: रहस्यमयी उड़ने वाली वस्तुओं की खोज

हर साल 2 जुलाई को विश्व UFO दिवस मनाया जाता है, जो रहस्यमयी उड़ने वाली वस्तुओं और एलियंस के अस्तित्व पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन का उद्देश्य जागरूकता फैलाना है कि क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड में अकेले हैं। जानें 1947 की रोसवेल घटना और अन्य रहस्यमयी UFO घटनाओं के बारे में, जो दुनिया को हिला देने वाली थीं।
 

विश्व UFO दिवस का महत्व

विश्व UFO दिवस 2025:  हर साल 2 जुलाई को वैश्विक स्तर पर विश्व UFO दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन अजीब और रहस्यमयी उड़ने वाली वस्तुओं (UFOs) पर चर्चा करने के लिए समर्पित है, जिनका आज तक कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं मिल पाया है। इस दिन का उद्देश्य एलियंस या परग्रही जीवन के अस्तित्व के प्रति जागरूकता फैलाना है और यह विचार करना है कि क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड में अकेले हैं।


UFO दिवस की अन्य तिथियाँ

हालांकि, कुछ लोग इस दिन को 24 जून को भी मनाते हैं। इसका कारण यह है कि 1947 में दो महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई थीं, एक 24 जून को और दूसरी 2 जुलाई को। 24 जून को अमेरिकी पायलट केनेथ अर्नोल्ड ने आसमान में नौ अजीब उड़ती हुई वस्तुओं को देखने का दावा किया था।


रोसवेल की घटना

वहीं, 2 जुलाई को न्यू मैक्सिको के रोसवेल में एक अज्ञात वस्तु के गिरने की घटना हुई थी, जिसे बाद में अमेरिकी सेना ने मौसम संबंधी गुब्बारा बताया। लेकिन इस स्पष्टीकरण ने उल्टा एलियन थ्योरी को और मजबूती दे दी।


दुनिया और भारत की रहस्यमयी UFO घटनाएँ

माउंट रेनियर, अमेरिका (1947): पायलट केनेथ अर्नोल्ड ने देखा कि नौ अजीब चीजें एक साथ उड़ रही थीं। यहीं से 'फ्लाइंग सौसर' शब्द की शुरुआत हुई।


रोसवेल, अमेरिका (1947): एक अज्ञात वस्तु के क्रैश की खबर ने दुनिया को हिला दिया। कुछ लोगों का मानना है कि असली एलियन शव भी मिले थे!


कैनरी आइलैंड्स, स्पेन (1976): स्थानीय नागरिकों और सेना के जवानों ने एक विशाल चमकदार गोला देखा, जिसके अंदर दो मानव जैसी आकृतियां दिखाई दीं।


मानभूम, बिहार (1957): भारत में भी UFO दिखने की रिपोर्ट मिली है। बिहार के ग्रामीणों ने एक चमकदार वस्तु को जमीन से 500 फीट ऊपर देखा।


तेहरान, ईरान (1976): एक चमकदार चीज को रोकने के लिए लड़ाकू विमान भेजे गए, लेकिन जैसे ही विमान उस अजीब वस्तु के पास पहुंचे, उनके सिस्टम फेल हो गए.