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संयुक्त राष्ट्र का बांग्लादेश में मानवाधिकारों पर कड़ा रुख: मौत की सजा का विरोध

संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में पिछले साल हुए छात्र आंदोलन और उसके बाद के दमन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मानवाधिकार कार्यालय ने मौत की सजा का विरोध करते हुए न्याय की आवश्यकता पर जोर दिया है। UN की जांच में पाया गया कि 2024 में हुए प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों के दमन में हजारों लोग प्रभावित हुए। वोल्कर तुर्क ने बांग्लादेश से राष्ट्रीय सुलह और न्याय सुनिश्चित करने की अपील की है। जानें इस मामले में UN का क्या कहना है।
 

संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया


नई दिल्ली: बांग्लादेश में पिछले साल हुए बड़े छात्र आंदोलन और उसके बाद के हिंसक दमन पर संयुक्त राष्ट्र ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने एक बयान में कहा कि वह किसी भी स्थिति में मौत की सजा का विरोध करता है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि पीड़ितों को न्याय मिले और अपराधियों को दंडित किया जाए।


जुलाई-अगस्त 2024 का दमन

संयुक्त राष्ट्र की जांच में यह सामने आया कि जुलाई और अगस्त 2024 के बीच छात्र विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों के दमन में लगभग 1,400 लोगों की जान गई, जबकि हजारों लोग घायल हुए। यह रिपोर्ट UN के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि इसमें राज्य द्वारा की गई हिंसा और लक्षित हत्याओं के संकेत मिले हैं।


मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने पहले कहा था कि इस जांच में मिले सबूत बांग्लादेश में मानवाधिकारों के उल्लंघन की गंभीर तस्वीर पेश करते हैं, जो संभवतः अंतरराष्ट्रीय अपराधों की श्रेणी में आ सकते हैं।


मौत की सजा पर यूएन का रुख

हालिया फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए OHCHR ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र हर स्थिति में मौत की सजा का विरोध करता है। अंतरराष्ट्रीय अपराधों से जुड़े मामलों में न्याय प्रक्रिया को उचित प्रक्रिया और निष्पक्ष सुनवाई के सभी मानकों का पालन करना चाहिए।


OHCHR ने यह भी स्पष्ट किया कि उसे मुकदमे की पूरी प्रक्रिया की जानकारी नहीं है, लेकिन वह हमेशा से यह मांग करता रहा है कि जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक मानकों का पालन होना चाहिए, खासकर उन मामलों में जहां आरोपियों की अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया हो और परिणाम मृत्युदंड जैसे कठोर निर्णय हों।


जवाबदेही की आवश्यकता

OHCHR की फरवरी 2025 की रिपोर्ट के बाद से, UN ने यह मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारियों और सरकारी नेतृत्व से जुड़े व्यक्तियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार जवाबदेह ठहराया जाए। साथ ही, पीड़ितों को न्याय, समाधान और उचित मुआवजा मिलना अनिवार्य है।


बांग्लादेश के लिए UN का संदेश

मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने आशा व्यक्त की है कि बांग्लादेश अब राष्ट्रीय सुलह और उपचार की दिशा में आगे बढ़ेगा। इसके लिए उन्होंने तीन प्रमुख स्तंभों का सुझाव दिया:



  • सत्य-कथन (Truth-telling)

  • पीड़ितों को मुआवजा (Reparation)

  • न्याय सुनिश्चित करना (Justice)


तुर्क ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहने की अपील की है।