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सऊदी अरब का भारत के प्रति समर्थन, पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका

दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश को हिला दिया, लेकिन सऊदी अरब ने भारत के प्रति समर्थन जताते हुए इस घटना की निंदा की। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि सऊदी अरब ने इस्लामाबाद में हुए धमाके पर चुप्पी साधी। जानिए इस घटनाक्रम का क्या असर हो सकता है और भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी।
 

संकट में सच्चे साथी की पहचान

संकट के समय जो साथ निभाता है, वही सच्चा मित्र होता है। हाल ही में सऊदी अरब ने इस बात को साबित किया है। दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। लेकिन इसके बाद का प्रभाव केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने इस्लामाबाद और रियाद तक अपनी पहुंच बनाई। जब दिल्ली में अचानक एक तेज धमाका हुआ, तो चारों ओर अफरातफरी मच गई। धुएं और सायरन के बीच लोगों की चीखें सुनाई दीं। एक बार फिर आतंकवाद का साया दिल्ली पर मंडराने लगा। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि इस धमाके के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ हो सकता है, जो पाकिस्तान की धरती पर सक्रिय है।


दुनिया भर से समर्थन

दिल्ली के इस धमाके के बाद कई मुस्लिम देशों ने भारत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। कतर, मालदीव, मलेशिया, यूएई और ईरान ने एक सुर में कहा कि वे भारत के साथ हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब सऊदी अरब ने भी इस धमाके की कड़ी निंदा की और भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। यह ध्यान देने योग्य है कि सऊदी अरब, जिसे पाकिस्तान अपना बड़ा भाई मानता है, ने भारत के साथ खड़े होने का ऐलान किया।


सऊदी अरब की चुप्पी पर सवाल

हालांकि, सऊदी अरब ने दिल्ली में हुए धमाकों पर तो बयान जारी किया, लेकिन इस्लामाबाद में हुए एक अन्य धमाके पर चुप्पी साधी। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक रक्षा समझौता हो चुका है। सऊदी अरब ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी दोस्ती पाकिस्तान के साथ अपने फायदे तक ही सीमित है।


भारत की प्रतिक्रिया

सऊदी अरब ने भले ही पाकिस्तान के साथ डील की हो, लेकिन वह भारत का समर्थन कर रहा है। दिल्ली धमाके की निंदा करने के बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद धमाके का आरोप भारत पर लगाने की कोशिश की। लेकिन सऊदी अरब ने पाकिस्तान के लिए कोई बयान नहीं दिया। यह दर्शाता है कि सऊदी अरब पाकिस्तान की वास्तविक स्थिति को समझता है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही स्पष्ट किया है कि हमले की जांच शुरू हो चुकी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।