कबूतर का घोंसला: वास्तु शास्त्र में शुभता या अशुभता?

कबूतर का घोंसला और वास्तु
कबूतर का घोंसला और वास्तु: आपने अक्सर देखा होगा कि कबूतर घर की बालकनी, खिड़की या किसी कोने में घोंसला बना लेते हैं। कुछ लोग इसे शुभ मानते हैं, जबकि अन्य इसे अशुभ मानकर तुरंत हटा देते हैं। यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में कबूतर का घोंसला सुख-समृद्धि लाता है या यह समस्याओं का संकेत है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर चीज़ का घर की ऊर्जा पर प्रभाव पड़ता है, चाहे वह पेड़-पौधा हो या पक्षी। कबूतर का घर में रहना भी इसी का एक हिस्सा है। आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार इसका असली प्रभाव क्या होता है।
कबूतर का घोंसला – शुभ या अशुभ?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कबूतर का घोंसला बनाना कई बार नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है। खासकर जब वह गंदगी फैलाता है या दीवारों को नुकसान पहुंचाता है, तो यह परिवार के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकता है।
हालांकि, कुछ पुरानी मान्यताओं के अनुसार, यदि कबूतर शांति से रहता है और बार-बार आता है, तो यह घर में स्थायित्व और धन का संकेत हो सकता है। फिर भी, साफ-सफाई और स्थान का ध्यान रखना आवश्यक है।
घोंसले का स्थान भी महत्वपूर्ण है
यदि घोंसला मुख्य दरवाजे के पास या पूजा घर के आसपास है, तो यह वास्तु के अनुसार ठीक नहीं माना जाता। इससे घर में विघ्न और मानसिक तनाव आ सकता है। वहीं, यदि यह बालकनी में किसी कोने में है और साफ-सुथरा रखा गया है, तो समस्या कम होती है।
घर में घोंसला बनने पर क्या करें?
यदि कबूतर बार-बार आपके घर में घोंसला बना रहे हैं, तो सबसे पहले उस स्थान को अच्छे से साफ करें और वहां कुश या कपूर रखें ताकि पक्षी दोबारा न आएं। इसके बाद, घोंसला हटाने के बाद उस स्थान पर गंगाजल छिड़कें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके।
हमें प्राकृतिक संतुलन बनाए रखते हुए पक्षियों को नुकसान पहुंचाए बिना अपने घर की सुरक्षा और सुख-शांति का ध्यान रखना चाहिए।