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पुरी में सैंड आर्ट फेस्टिवल: 60 फीट ऊंची सांता क्लॉज की अद्भुत मूर्ति

पुरी में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सैंड आर्ट फेस्टिवल में सुदर्शन पटनायक ने 60 फीट ऊंची सांता क्लॉज की भव्य मूर्ति बनाई। इस अनोखी कलाकृति ने न केवल पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि शांति और भाईचारे का संदेश भी दिया। जानें इस अद्भुत कला के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।
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पुरी में सैंड आर्ट फेस्टिवल: 60 फीट ऊंची सांता क्लॉज की अद्भुत मूर्ति

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अद्भुत कला

पुरी (ओडिशा) में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला। प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने 1.5 टन सेब और रेत का उपयोग करके 60 फीट ऊंची सांता क्लॉज की भव्य मूर्ति बनाई। इस कलाकृति के माध्यम से उन्होंने विश्व शांति और 'मेरी क्रिसमस' का संदेश दिया। यह आयोजन पुरी सैंड आर्ट फेस्टिवल के तहत हुआ, जिसमें देश-विदेश से आए पर्यटकों और स्थानीय लोगों की बड़ी संख्या शामिल हुई।



सुदर्शन पटनायक की यह कलाकृति न केवल अपनी विशालता के लिए बल्कि इसके पीछे के गहरे संदेश के लिए भी चर्चा का विषय बनी। मूर्ति के साथ प्रदर्शित संदेशों के जरिए उन्होंने दुनिया में शांति, भाईचारे और प्रेम का आह्वान किया। इस बार रेत के साथ सेब का उपयोग कर पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक संकेत देने का प्रयास किया गया।


पटनायक ने बताया कि हर साल क्रिसमस के अवसर पर पुरी के समुद्र तट पर सैंड आर्ट फेस्टिवल का आयोजन होता है। इस वर्ष उनका लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी सांता क्लॉज सैंड स्कल्प्चर बनाकर विश्व रिकॉर्ड स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि कला के माध्यम से शांति और एकता का संदेश पूरी दुनिया में फैले।


नीलाद्रि बीच पर बनी इस विशाल सांता क्लॉज मूर्ति ने पर्यटकों को खासा आकर्षित किया। लोग इसके साथ तस्वीरें खिंचवाते हुए नजर आए। क्रिसमस के जश्न और कला के इस संगम ने पुरी के पर्यटन को नई ऊर्जा दी है। यह आयोजन एक बार फिर साबित करता है कि सुदर्शन पटनायक की कला न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों के दिलों को छूती है।