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बिहार की राजनीति में तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच बढ़ी कलह: क्या आरजेडी की एकता खतरे में है?

बिहार की राजनीति में तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती कलह ने आरजेडी की एकता को चुनौती दी है। तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई पर कई बार आरोप लगाए हैं, जबकि तेजस्वी ने पार्टी की प्राथमिकता पर जोर दिया है। इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, और विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो आरजेडी को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है। जानें इस राजनीतिक ड्रामे के सभी पहलुओं के बारे में।
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बिहार की राजनीति में तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच बढ़ी कलह: क्या आरजेडी की एकता खतरे में है?

बिहार में लालू परिवार की कलह फिर से सुर्खियों में


पटनाः बिहार की राजनीतिक स्थिति में एक बार फिर से लालू प्रसाद यादव के परिवार के बीच की कलह चर्चा का विषय बन गई है। आरजेडी के प्रमुख चेहरे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव अब खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। तेजस्वी जहां पार्टी की एकता का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं तेज प्रताप अपने छोटे भाई और उनके सहयोगियों पर लगातार हमले कर रहे हैं।


'जयचंद' विवाद ने बढ़ाई सियासी गर्मी

हाल के दिनों में, तेज प्रताप यादव ने बार-बार तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी संजय यादव को 'जयचंद' कहकर संबोधित किया है। उन्होंने कई जनसभाओं और इंटरव्यू में यह आरोप लगाया है कि संजय पार्टी में फूट डालने का काम कर रहे हैं और उनके भाई को गुमराह कर रहे हैं।


सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने इस विवाद को और बढ़ा दिया है। यह वीडियो यूट्यूबर समदीष भाटिया के चैनल 'अनफिल्टर्ड बाय समदीष' के एक इंटरव्यू का हिस्सा है, जिसमें तेज प्रताप अपनी प्रचार बस में बैठे नजर आते हैं। वीडियो में, जब वे एक हेलीकॉप्टर को देखते हैं जिसमें तेजस्वी और संजय यादव होते हैं, तो वे अपने सहयोगी से कहते हैं, "अरे इसमें तो जयचंदवा भी बैठा हुआ है।"




तेज प्रताप का तेजस्वी पर कटाक्ष

वीडियो में तेज प्रताप का व्यंग्य यहीं खत्म नहीं होता। जब उनके सहयोगी कहते हैं कि तेजस्वी का जहाज चालू है, तो तेज प्रताप जवाब देते हैं, "वो तेजस्वीजी का जहाज नहीं है, वो तो सिर्फ सवारी हैं।" इसके बाद, जब सहयोगी कहता है कि वे उनकी टीम में हैं, तो तेज प्रताप कहते हैं, "तो फिर हमारी ही चर्चा करेंगे।" यह बयान आरजेडी के भीतर दो गुटों के बीच की स्थिति को स्पष्ट करता है।


महुआ में तेजस्वी का जवाब

रविवार को महुआ में एक चुनावी सभा के दौरान, तेजस्वी यादव ने बिना नाम लिए अपने बड़े भाई पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता। लालू यादव ने महुआ से मुकेश रौशन को टिकट दिया है। तेजस्वी का यह बयान पार्टी में अनुशासन और नेतृत्व की प्राथमिकता पर जोर देने वाला था, लेकिन इसे तेज प्रताप पर सीधा तंज माना गया।


तेज प्रताप का सोशल मीडिया पर जवाब

तेजस्वी के बयान के कुछ घंटों बाद, तेज प्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, "हमारे छोटे और नादान भाई ने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता, लेकिन हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि पार्टी से बड़ी हमारी आदरणीय जनता मालिक होती है।" इस बयान से स्पष्ट है कि वे अपनी राजनीतिक दिशा को अलग करने के संकेत दे रहे हैं।


आरजेडी के लिए बढ़ी चुनौतियाँ

लालू परिवार की यह कलह ऐसे समय में सामने आई है जब बिहार में राजनीतिक माहौल चुनावी रंग लेने लगा है। तेजस्वी जहां विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं तेज प्रताप की बयानबाजी पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रही है।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह विवाद जल्द समाप्त नहीं हुआ, तो आरजेडी को संगठनात्मक रूप से बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां लालू परिवार का सीधा जनाधार है।