ब्रेकअप के बाद छुट्टी मांगने वाले कर्मचारी की ईमानदारी ने जीता सबका दिल
गुरुग्राम में अनोखी छुट्टी की मांग
हरियाणा: गुरुग्राम से एक दिलचस्प घटना सामने आई है जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। एक कर्मचारी ने अपने बॉस से छुट्टी मांगते समय एक ऐसा कारण बताया जो आमतौर पर लोग छिपाते हैं। उसने स्पष्ट रूप से लिखा कि उसका हाल ही में ब्रेकअप हुआ है और वह मानसिक रूप से काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा है। यह ईमानदार निवेदन अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और इसे 'अब तक का सबसे ईमानदार छुट्टी आवेदन' कहा जा रहा है।
ईमानदार लीव एप्लिकेशन ने लोगों का दिल जीता
यह मामला गुरुग्राम की नॉट डेटिंग (Knot Dating) कंपनी से संबंधित है। कंपनी के सीईओ और सह-संस्थापक जसवीर सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस ईमेल का स्क्रीनशॉट साझा किया। उन्होंने लिखा, "कल मुझे अब तक का सबसे ईमानदार लीव एप्लिकेशन मिला। जेन जेड फिल्टर नहीं करता।" कर्मचारी के मेल में लिखा था, "हेलो सर, हाल ही में मेरा ब्रेकअप हुआ है। इस कारण मैं ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा हूं। मुझे कुछ दिनों की छुट्टी चाहिए। मैं वर्क फ्रॉम होम कर रहा हूं और 28 से 8 तारीख तक की छुट्टी चाहता हूं।"
सोशल मीडिया पर मजेदार प्रतिक्रियाएं
Got the most honest leave application yesterday. Gen Z doesn’t do filters! pic.twitter.com/H0J27L5EsE
— Jasveer Singh (@jasveer10) October 28, 2025
जसवीर सिंह की पोस्ट पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई लोगों ने कर्मचारी की ईमानदारी की सराहना की, जबकि कुछ यूजर्स ने मजाकिया टिप्पणियां कीं। एक यूजर ने लिखा, "कुछ लोग तो शादी के लिए भी इतनी छुट्टियां नहीं लेते।" इस पर जसवीर सिंह ने हंसते हुए जवाब दिया, "मुझे लगता है ब्रेकअप के लिए शादी से कहीं अधिक छुट्टियों की जरूरत पड़ती है।"
बदलती कॉर्पोरेट संस्कृति का संकेत
यह घटना केवल एक मजेदार ऑफिस कहानी नहीं है, बल्कि यह बदलती कॉर्पोरेट संस्कृति का भी संकेत देती है। पहले जहां "ब्रेकअप" जैसी वजह को तुच्छ समझा जाता था, वहीं अब कंपनियां कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से ले रही हैं।
एक साधारण छुट्टी आवेदन ने कार्यस्थल पर मानवता और समझदारी की एक नई मिसाल पेश की है। जसवीर सिंह का यह कदम और उनका हल्का-फुल्का रवैया आधुनिक भारत की बदलती कार्य संस्कृति को दर्शाता है, जहां अब ईमानदारी, संवेदनशीलता और मानसिक स्वास्थ्य को समान सम्मान दिया जा रहा है।
