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शनिवार को हनुमानजी और शनिदेव की पूजा: जानें इनकी अनोखी कहानी

शनिवार को हनुमानजी और शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि इस दिन हनुमानजी की आराधना से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। जानें इन दोनों के बीच का अनोखा संबंध और सरसों के तेल का चढ़ाने का महत्व। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे हनुमानजी ने शनिदेव की मदद की और भक्तों को क्या लाभ मिलता है।
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हनुमानजी और शनिदेव का संबंध

शनिवार को हनुमानजी और शनिदेव की पूजा: जानें इनकी अनोखी कहानी


ज्योतिष: शनिवार के दिन भक्त शनिदेव और भगवान हनुमान की पूजा करते हैं। यह मान्यता है कि इस दिन हनुमानजी की आराधना करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनके भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।


कई बार हम देखते हैं कि हनुमानजी और शनिदेव की मूर्तियाँ एक ही मंदिर में स्थापित होती हैं। इससे यह सवाल उठता है कि इन दोनों की मूर्तियाँ एक साथ क्यों होती हैं और इनके बीच का संबंध क्या है। आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे।


पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार हनुमानजी किसी कार्य में व्यस्त थे, तभी शनिदेव वहाँ से गुजरे। शनिदेव ने हनुमानजी को देखकर शरारत करने का मन बनाया और उनके कार्य में विघ्न डालने पहुँच गए।


हनुमानजी ने शनिदेव को अपनी पूंछ से पकड़ लिया और अपने कार्य में लग गए। इस दौरान शनिदेव को चोटें आईं। जब हनुमानजी का कार्य समाप्त हुआ, तब उन्होंने शनिदेव को मुक्त किया।


सरसों का तेल चढ़ाने का महत्व


इसके बाद शनिदेव ने हनुमानजी से सरसों का तेल मांगा ताकि वे अपने जख्मों पर लगा सकें। हनुमानजी ने उन्हें सरसों का तेल दिया, जिससे शनिदेव के जख्म ठीक हो गए। शनिदेव ने तब कहा कि जो भी भक्त शनिवार को उन पर सरसों का तेल चढ़ाएगा, उसे उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी।