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10 जून 2025 का राशिफल: इन राशियों के लिए सावधानी जरूरी

10 जून 2025 का राशिफल विभिन्न राशियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। चतुर्दशी तिथि और पूर्णिमा के प्रभाव से कई राशियों को मानसिक तनाव और निर्णय लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से मेष, कर्क, मकर और वृश्चिक राशियों के लिए यह दिन चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जानें किन उपायों से आप इन समस्याओं से बच सकते हैं और अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं।
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10 जून 2025 का राशिफल: इन राशियों के लिए सावधानी जरूरी

दैनिक राशिफल

दैनिक राशिफल: 10 जून 2025 को चतुर्दशी तिथि सुबह 11:35 बजे तक रहेगी, जो मानसिक तनाव और निर्णय लेने में बाधा उत्पन्न कर सकती है। इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी, जो चंद्रमा के वृश्चिक राशि में होने के कारण भावनात्मक समस्याएं पैदा कर सकती है। अनुराधा नक्षत्र शाम 6:02 बजे तक रहेगा, जो मित्रता, सहयोग और सामाजिक संबंधों के लिए अनुकूल है, लेकिन ज्येष्ठा नक्षत्र की तीव्रता तनाव और विवाद को बढ़ा सकती है। सिद्ध योग दोपहर 1:45 बजे तक सफलता दिलाएगा, फिर साध्य योग सकारात्मकता बनाए रखेगा। वणिज करण सुबह 11:35 बजे तक व्यापार और बातचीत के लिए उपयुक्त है, लेकिन विष्टि करण (भद्रा) बाद में रुकावटें, गलतफहमियां और संचार में बाधा ला सकता है।


मेष राशि

सिंह में मंगल-केतु की युति आपके पांचवें भाव को प्रभावित करेगी। इससे रचनात्मक कार्यों में रुकावट, बच्चों से तनाव या जोखिम भरे निवेश में हानि हो सकती है। आपकी राशि में शुक्र रहेंगे। चंद्रमा आपके सातवें घर में वृश्चिक राशि में रहेगा, जो पूर्णिमा तिथि और ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रभाव से रिश्तों में तनाव, साझेदारी में गलतफहमियां या व्यापारिक सौदों में देरी ला सकता है। विष्टि करण के कारण जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसानदायक हो सकते हैं। इस दिन किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर न करें या रिश्ते में बड़ा कदम न उठाएं। सिद्ध और साध्य योग कुछ राहत देंगे, लेकिन आपको अपनी वाणी और प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण रखना होगा। इस दिन साथी या व्यापारिक साथी के साथ चर्चा में धैर्य रखें। यदि कोई महत्वपूर्ण सौदा या बैठक है, तो उसे अच्छे से जांचें और आवेगपूर्ण निर्णय से बचें।


कर्क राशि

चंद्रमा आपके पांचवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा, जो पूर्णिमा तिथि और ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रभाव से भावनात्मक अशांति, रचनात्मक परियोजनाओं में रुकावट या बच्चों से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। मंगल और केतु की युति दूसरे घर में होने से आपकी बातों में तीखापन आ सकता है, जिससे परिवार में गलतफहमियां या वित्तीय नुकसान हो सकता है। विष्टि करण के कारण बड़े निर्णय, जैसे निवेश या रिश्ते से जुड़े कदम गलत हो सकते हैं। सिद्ध और साध्य योग दोपहर के बाद कुछ राहत देंगे, लेकिन आपको अपनी प्रतिक्रियाओं और भावनाओं पर नियंत्रण रखना होगा। इस दिन छोटी यात्राएं, रचनात्मक कार्य या महत्वपूर्ण चर्चाओं में जल्दबाजी से बचें। यदि कोई बहस हो रही हो तो शांति से निपटें, ताकि स्थिति बिगड़ न जाए। बच्चों या साथी के साथ बातचीत में धैर्य रखें और आवश्यक दस्तावेजों की अच्छी तरह जांच करें।


मकर राशि

चंद्रमा आपके 11वें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा, जो पूर्णिमा तिथि और ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रभाव से दोस्तों, सहकर्मियों या सामाजिक सर्कल में तनाव, आय के रास्तों में रुकावट और गलतफहमियां ला सकता है। मीन राशि में शनि और कुंभ में राहु होने से वित्तीय योजना में भ्रम और मानसिक तनाव बढ़ेगा। मंगल और केतु की युति पांचवें घर में होने से रचनात्मक परियोजनाओं, बच्चों से जुड़े मामलों या निवेश में नुकसान की आशंका है। विष्टि करण का प्रभाव जोखिम भरे निर्णय जैसे बड़े निवेश या सामाजिक सौदों को नुकसानदायक बना सकता है। साध्य योग दोपहर के बाद थोड़ी राहत देगा, लेकिन आपको धैर्य रखना होगा। इस दिन वित्तीय सौदों को टालें और सामाजिक इंटरैक्शन में सावधानी बरतें। यदि कोई नया प्रोजेक्ट या निवेश योजना कर रहे हैं, तो उसे अगले दिन के लिए स्थगित करें।


वृश्चिक राशि

चंद्रमा आपके पहले घर में रहेगा, जो पूर्णिमा तिथि और ज्येष्ठा नक्षत्र की तीव्रता के साथ आत्मविश्वास में कमी, भावनात्मक उलझन और स्वास्थ्य समस्याएं जैसे सिरदर्द, थकान या तनाव ला सकता है। मंगल और केतु की युति दसवें घर में होने से करियर में अचानक रुकावटें जैसे परियोजनाओं में देरी, बॉस या सहकर्मियों के साथ विवाद, या कार्य का दबाव बढ़ सकता है। विष्टि करण का प्रभाव जल्दबाजी में लिए गए निर्णय जैसे गलत संचार या अनुबंध में गलतियों को नुकसानदायक बना सकता है। सिद्ध और साध्य योग दोपहर के बाद थोड़ी राहत देंगे, लेकिन आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। इस दिन महत्वपूर्ण मीटिंग्स या सौदों को संभालने से पहले अच्छे से जांचें। भावनाओं में संतुलन बनाए रखें और आवेगपूर्ण प्रतिक्रियाओं से बचें ताकि गलतफहमियां न हों। किसी भी चर्चा को शांति से निपटें।


उपाय

हनुमान जी को सिन्दूर और चमेली का तेल चढ़ाएं और मंगल के लिए लाल मसूर दाल दान करें। मां दुर्गा की पूजा करें और सफेद चंदन का तिलक लगाएं। सफेद फूल का दान करें। शनि देव को तिल का तेल चढ़ाएं और काले तिल व उड़द दाल दान करें। शिवलिंग पर जल और बिल्वपत्र चढ़ाएं। चंद्रमा के लिए दूध और चावल दान करें।