11 जून 2025 का पंचांग: जानें शुभ मुहूर्त और राहु काल

आज का पंचांग
11 जून 2025 का पंचांग: आज ज्येष्ठ माह का तीसवां दिन है और यह पूर्णिमा तिथि है। दिन की लंबाई 13 घंटे 56 मिनट 23 सेकंड है, जबकि रात का समय 10 घंटे 3 मिनट 38 सेकंड होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि 11 जून के पंचांग के पांच अंग - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थिति क्या है। आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ है और राहु काल का समय क्या है?
तिथि
आज ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि है, जो 11 जून को 01:13 PM तक रहेगी। इसके बाद आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी।
पूर्णिमा एक पूर्ण तिथि है, जिसके स्वामी चंद्रमा हैं और इसका स्वभाव सौम्य होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में मानी जाती है।
नक्षत्र
आज का दिन ज्येष्ठा नक्षत्र से शुरू होगा, जो 08:10 PM तक रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद मूल नक्षत्र का आरंभ होगा।
दिन/वार
आज बुधवार है, जो हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन भगवान गणेश की उपासना की जाती है। इसके साथ ही, बुध ग्रह की अनुकूलता के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
योग
आज का दिन साध्य योग से शुरू होगा, जो 11 जून को 02:04 PM तक रहेगा। इसके बाद शुभ योग की शुरुआत होगी।
आज रवि योग जैसे विशेष योग भी बन रहे हैं, जिससे यह दिन खास बन गया है।
करण
आज 01:13 PM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण शुरू होगा, जो 12 जून को 01:53 AM तक रहेगा। इसके बाद कौलव करण का आरंभ होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचांग के अनुसार, सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जबकि चंद्रमा वृश्चिक राशि में हैं। चंद्रमा 08:10 PM तक इस राशि में रहेंगे और फिर धनु राशि में प्रवेश करेंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज के शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM से 04:42 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:22 AM से 05:23 AM
विजय मुहूर्त: 02:40 PM से 03:36 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:18 PM से 07:38 PM
अमृत काल: 10:35 AM से 12:20 PM
आज के अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: 12:21 PM से 02:05 PM तक। इस समय कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
यमगण्ड: 07:07 AM से 08:52 AM
ज्वालामुखी योग: 08:10 PM से 05:23 AM, 12 जून
11 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है और बुधवार का दिन है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। उनकी आराधना से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग:
वार: सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि: चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना।
नक्षत्र: विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति।
योग: खगोलीय संयोगों का महत्व।
करण: आधे तिथि का सूचक।
पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को सफल और समृद्ध बना सकते हैं।