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23 जुलाई 2025 का दैनिक राशिफल: सावधानी और उपाय

23 जुलाई 2025 का दैनिक राशिफल विभिन्न राशियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इस दिन सावन माह की चतुर्दशी तिथि और मासिक शिवरात्रि है। ग्रहों की स्थिति के अनुसार, कुछ राशियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। व्याघात योग और विष्टि करण के प्रभाव से तनाव और बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। जानें किन राशियों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
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23 जुलाई 2025 का दैनिक राशिफल: सावधानी और उपाय

दैनिक राशिफल

दैनिक राशिफल: 23 जुलाई 2025 को सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जो मासिक शिवरात्रि का दिन भी है। इस दिन सुबह 5:54 बजे तक आर्द्रा नक्षत्र रहेगा, इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र का आरंभ होगा। योग की दृष्टि से, दोपहर 12:34 बजे तक व्याघात योग रहेगा, इसके बाद हर्षण योग का प्रभाव होगा। करण में विष्टि (भद्रा) दोपहर 3:31 बजे तक रहेगा, फिर शकुनि करण शुरू होगा।


ग्रहों की स्थिति के अनुसार, चंद्रमा और गुरु मिथुन राशि में, सूर्य और बुध कर्क राशि में, शुक्र वृषभ में, मंगल और केतु सिंह में, राहु कुंभ में, और शनि मीन राशि में स्थित रहेंगे। इस दिन कुछ राशियों के लिए चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, क्योंकि व्याघात योग और विष्टि करण अशुभ प्रभाव डाल सकते हैं।


सावन के कृष्ण पक्ष और चतुर्दशी तिथि भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ मानी जाती है, लेकिन व्याघात योग और विष्टि करण के कारण कुछ राशियों को सावधानी बरतनी होगी। व्याघात योग अड़चनें और तनाव पैदा कर सकता है, जबकि विष्टि करण कार्यों में देरी या बाधा ला सकता है।


चंद्रमा और गुरु की मिथुन राशि में युति गजकेसरी योग बनाएगी, जो कुछ राशियों के लिए लाभकारी है, लेकिन अन्य ग्रहों की स्थिति, जैसे सिंह में मंगल-केतु की युति और राहु का कुंभ में होना, कुछ राशियों के लिए तनाव या अस्थिरता ला सकता है।


शास्त्रों में चतुर्दशी तिथि को आध्यात्मिक कार्यों के लिए शुभ माना गया है, लेकिन अशुभ योग और करण के प्रभाव को कम करने के लिए उपाय आवश्यक हैं। आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए यह दिन अच्छा नहीं रहेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?


मेष राशि

23 जुलाई का दिन मेष राशि वालों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। चंद्रमा और गुरु आपके तीसरे भाव में हैं, जो संचार और यात्रा का भाव है, लेकिन व्याघात योग और विष्टि करण के कारण संचार में गलतफहमी या छोटी यात्राओं में बाधाएं आ सकती हैं। मंगल और केतु की युति आपके पांचवें भाव में है, जो क्रोध और आवेग देने के साथ ही रचनात्मक कार्यों में रुकावट पैदा कर सकता है। इस दिन निर्णय लेने में जल्दबाजी से बचें।


उपाय: हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें और भगवान शिव का जल से अभिषेक करें।


कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए यह दिन कुछ परेशानियां ला सकता है। चंद्रमा और गुरु आपके दसवें भाव में हैं, लेकिन व्याघात योग के कारण कार्यक्षेत्र में तनाव या सहकर्मियों के साथ मतभेद हो सकते हैं। सूर्य और बुध आपके ग्यारहवें भाव में हैं, जो लाभ के अवसर दे सकते हैं, लेकिन विष्टि करण के कारण योजनाएं देरी से पूरी हो सकती हैं।


उपाय: भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें।


तुला राशि

तुला राशि वालों को इस दिन सावधानी बरतनी होगी। चंद्रमा और गुरु आपके नवम भाव में हैं, जो सामान्य रूप से शुभ है, लेकिन व्याघात योग और मंगल-केतु की युति आपके ग्यारहवें भाव में तनाव या दोस्तों के साथ गलतफहमी पैदा कर सकती है। यात्रा या बड़े निर्णय लेने में बाधाएं आ सकती हैं।


उपाय: शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा करें और 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करें।


धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए यह दिन कुछ चुनौतियां ला सकता है। चंद्रमा और गुरु आपके सातवें भाव में हैं, लेकिन व्याघात योग के कारण वैवाहिक जीवन या व्यापारिक साझेदारियों में तनाव हो सकता है। राहु आपके तीसरे भाव में और शनि चौथे भाव में होने से मानसिक अशांति या पारिवारिक तनाव की संभावना है।


उपाय: गुरुवार को भगवान विष्णु को पीले चंदन का तिलक लगाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें ताकि रिश्तों में सामंजस्य बने।


मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए यह दिन मिश्रित प्रभाव वाला हो सकता है। चंद्रमा और गुरु आपके छठे भाव में हैं, जो स्वास्थ्य या कार्यस्थल पर तनाव पैदा कर सकते हैं। व्याघात योग और विष्टि करण के कारण छोटी-मोटी परेशानियां या कार्यों में देरी हो सकती है। मंगल-केतु की युति आपके आठवें भाव में होने से अचानक तनाव या जोखिम की स्थिति बन सकती है।


उपाय: शनिवार को हनुमान जी को चमेली का तेल और सिन्दूर चढ़ाएं और 'ॐ हं हनुमते नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें ताकि बाधाएं दूर हों।