28 जुलाई 2025 का राशिफल: जानें किन राशियों को मिल सकती हैं चुनौतियां

28 जुलाई 2025 का विशेष राशिफल
दैनिक राशिफल: 28 जुलाई 2025 को सावन माह का तीसरा सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से खास है, क्योंकि इस दिन कई ग्रह और नक्षत्र योग बन रहे हैं, जो विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेंगे। पंचांग के अनुसार, इस दिन सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रात 11:24 बजे तक रहेगी, इसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। शाम 5:35 बजे तक पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा, फिर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र लगेगा।
परिघ योग पूरे दिन रहेगा और करण में वणिज सुबह 10:57 बजे तक, फिर विष्टि (भद्रा) रात 11:24 बजे तक, और उसके बाद बव करण रहेगा। ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा दोपहर 12 बजे तक सिंह राशि में रहेंगे, फिर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र और गुरु मिथुन राशि में, सूर्य और बुध कर्क राशि में, मंगल और केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में, और शनि मीन राशि में रहेंगे।
यह दिन सावन का तीसरा सोमवार विनायक चतुर्थी के साथ होने से गणेश और शिव पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ है। हालांकि परिघ योग, कार्यों में बाधा और देरी लाएगा। वहीं, विष्टि करण को महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। इस कारण ये संयोग कुछ राशियों के लिए चुनौतियां ला सकते हैं। चंद्रमा का सिंह से कन्या राशि में गोचर दोपहर 12 बजे के बाद भावनात्मक और मानसिक बदलाव लाएगा।
मंगल और केतु की युति सिंह राशि में तनाव और अनिश्चितता पैदा कर सकती है, जबकि सूर्य-बुध की युति कर्क राशि में संचार और निर्णय लेने में समस्या पैदा कर सकती है। शनि का मीन में और राहु का कुंभ में होना कुछ राशियों के लिए स्वास्थ्य और आर्थिक मामलों में दिक्कत दे सकता है। आइए जानते हैं कि किन राशि वालों के लिए 28 जुलाई का दिन अच्छा नहीं रहेगा और इसको अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करें?
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए चंद्रमा और मंगल-केतु की युति पांचवें भाव में होने से मानसिक भ्रम, संतान से संबंधित चिंता या रचनात्मक कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। परिघ योग के कारण कार्यों में देरी और विष्टि करण के प्रभाव से निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। लव रिलेशनशिप्स में तनाव या गलतफहमी की संभावना है।
उपाय: सावन के तीसरे सोमवार पर शिवलिंग पर गाय के दूध और बेलपत्र से अभिषेक करें।
वृषभ राशि
चंद्रमा का चतुर्थ भाव में होना और सूर्य-बुध की युति के तीसरे भाव में होने से पारिवारिक तनाव, माता के स्वास्थ्य में चिंता या संपत्ति से संबंधित मामलों में बाधाएं आ सकती हैं। शुक्र-गुरु की युति द्वितीय भाव में होने से खर्चों में वृद्धि और वित्तीय जोखिम हो सकता है। परिघ योग कार्यों में देरी लाएगा।
उपाय: माता पार्वती को लाल चुनरी और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
कर्क राशि
चंद्रमा का द्वितीय भाव में होना और सूर्य-बुध की युति लग्न में होने से वाणी में तीखापन, आर्थिक जोखिम, और स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं। विष्टि करण के कारण वित्तीय लेन-देन में सावधानी बरतें। परिवार में गलतफहमियां या तनाव की स्थिति बन सकती है।
उपाय: महामृत्युंजय मंत्र का 21 बार जाप करें
तुला राशि
चंद्रमा का 11वें भाव में होना आपके लिए शुभ है, लेकिन मंगल-केतु की युति इसी भाव में होने से आय के स्रोतों में बाधाएं या अप्रत्याशित खर्च हो सकते हैं। परिघ योग और विष्टि करण के कारण कार्यक्षेत्र में गलतफहमियां और निर्णयों में देरी हो सकती है। शुक्र-गुरु की युति नवम भाव में भाग्य का साथ देगी, लेकिन सावधानी जरूरी है।
उपाय: शिवलिंग पर शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
मीन राशि
चंद्रमा का छठे भाव में रहना और शनि का लग्न में होना स्वास्थ्य, शत्रु, और ऋण से संबंधित समस्याएं ला सकता है। सूर्य-बुध की युति पांचवें भाव में होने से संतान पक्ष या रचनात्मक कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। परिघ योग के कारण मानसिक तनाव और कार्यों में देरी हो सकती है।
उपाय: सावन सोमवार पर शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करें।