6 अगस्त 2025 का राशिफल: जानें किन राशियों को मिल सकती हैं चुनौतियाँ

राशिफल का संक्षिप्त विवरण
दैनिक राशिफल: 6 अगस्त 2025 को सावन माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि दोपहर 2:08 बजे तक रहेगी, इसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी। यह दिन सावन का अंतिम प्रदोष व्रत है, जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। मूल नक्षत्र दोपहर 1:00 बजे तक प्रभावी रहेगा, इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का आरंभ होगा। सुबह 7:18 बजे तक वैधृति योग रहेगा, इसके बाद विष्कम्भ योग का प्रभाव रहेगा।
ग्रहों की स्थिति
ग्रहों की स्थिति के अनुसार, सूर्य और बुध कर्क राशि में, शुक्र और बृहस्पति मिथुन राशि में, राहु कुंभ राशि में, केतु सिंह राशि में, मंगल कन्या राशि में, शनि मीन राशि में, और चंद्रमा धनु राशि में स्थित रहेंगे। आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए यह दिन चुनौतीपूर्ण हो सकता है और इसे शुभ बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
मेष राशि
चंद्रमा के छठे भाव में होने से मेष राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, मानसिक तनाव या कार्यस्थल पर बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। वैधृति और विष्कम्भ योग के कारण निर्णय लेने में भ्रम और कार्यों में विलंब हो सकता है। मूल नक्षत्र के प्रभाव से दिन की शुरुआत में जोखिम भरे निर्णयों से बचना आवश्यक है। शत्रुओं से सावधान रहें, क्योंकि वे आपकी प्रगति में रुकावट डाल सकते हैं।
उपाय: भगवान हनुमान की पूजा करें। सुबह हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें और लाल चंदन का तिलक करें।
वृषभ राशि
शुक्र और बृहस्पति के दूसरे भाव में होने से वृषभ राशि के जातकों को वित्तीय मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मूल नक्षत्र का प्रभाव पारिवारिक तनाव या वाणी में कटुता ला सकता है। इस दिन बड़े निवेश या जोखिम भरे वित्तीय निर्णय लेने से बचें। वैधृति योग के कारण सुबह मानसिक अशांति हो सकती है। पारिवारिक संवाद में संयम रखें।
उपाय: मां लक्ष्मी की पूजा करें। मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
कर्क राशि
सूर्य और बुध के पहले भाव में होने से कर्क राशि के जातकों को आत्मविश्वास में कमी, स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव, या निर्णय लेने में भ्रम हो सकता है। विष्कम्भ योग के कारण कार्यों में देरी और मानसिक दबाव संभव है। मूल नक्षत्र का प्रभाव सुबह के समय भावनात्मक अस्थिरता ला सकता है। दूसरों की सलाह पर अंधविश्वास करने से बचें और अपनी बुद्धि का उपयोग करें।
उपाय: सुबह सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें और ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
सिंह राशि
केतु के पहले भाव में होने से सिंह राशि के जातकों को मानसिक अशांति, स्वास्थ्य समस्याएं, या आत्मविश्वास में कमी महसूस हो सकती है। मूल नक्षत्र के प्रभाव से जोखिम भरे निर्णय लेने से बचना होगा। विष्कम्भ योग के कारण कार्यों में रुकावटें और अनावश्यक विवाद हो सकते हैं। अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाएं और क्रोध से बचें।
उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें। गणेश जी को 21 दूर्वा अर्पित करें और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
तुला राशि
मंगल बारहवें भाव में होने से तुला राशि के जातकों को अनावश्यक खर्च, स्वास्थ्य समस्याएं, या छिपे शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। वैधृति योग के कारण सुबह विवादों से बचें। मूल नक्षत्र का प्रभाव पारिवारिक या व्यक्तिगत जीवन में तनाव ला सकता है। यात्रा या बड़े निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह विचार करें।
उपाय: भगवान विष्णु की पूजा करें। विष्णु जी को पीले फूल और तुलसी पत्र अर्पित करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
मकर राशि
चंद्रमा के बारहवें भाव में होने से मकर राशि के जातकों को मानसिक तनाव, अनिद्रा, या अनावश्यक खर्च का सामना करना पड़ सकता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के कारण भावनात्मक उतार-चढ़ाव संभव है। विष्कम्भ योग कार्यों में देरी और मानसिक दबाव बढ़ा सकता है। इस दिन अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें और धैर्य बनाए रखें।
उपाय: भगवान शिव की पूजा करें। शिवलिंग पर बिल्वपत्र और दूध अर्पित करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।