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8 अगस्त 2025 का राशिफल: जानें किन राशियों को रहना चाहिए सतर्क

8 अगस्त 2025 का राशिफल विभिन्न राशियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इस दिन चतुर्दशी तिथि के बाद पूर्णिमा का आरंभ होगा, जो सकारात्मक प्रभाव लाएगा। ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों के प्रभाव के अनुसार, कुछ राशियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। जानें किन राशियों के लिए यह दिन चुनौतीपूर्ण हो सकता है और उनके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
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8 अगस्त 2025 का राशिफल: जानें किन राशियों को रहना चाहिए सतर्क

राशिफल का संक्षिप्त विवरण

दैनिक राशिफल: 8 अगस्त 2025 को सावन माह की चतुर्दशी तिथि दोपहर 2:12 बजे तक रहेगी, इसके बाद पूर्णिमा तिथि का आरंभ होगा। चतुर्दशी तिथि कुछ कार्यों के लिए अशुभ मानी जाती है, जबकि पूर्णिमा सकारात्मक प्रभाव लाती है। नक्षत्र की स्थिति के अनुसार, उत्तराषाढा नक्षत्र दोपहर 2:28 बजे तक रहेगा, जो स्थिरता और महत्वाकांक्षी कार्यों के लिए अनुकूल है। इसके बाद श्रवण नक्षत्र का आगमन होगा, जो शांति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है। आयुष्मान योग पूरे दिन रहेगा, जो स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए शुभ है। करण में वणिज दोपहर 2:12 बजे तक रहेगा, इसके बाद विष्टि करण (भद्रा) शुरू होगा, जो कुछ कार्यों में बाधा उत्पन्न कर सकता है।


ग्रहों की स्थिति

ग्रहों की स्थिति के अनुसार, चंद्रमा मकर राशि में रहेगा, जो शनि के प्रभाव में भावनात्मक गंभीरता लाता है। सूर्य और बुध कर्क राशि में होंगे, जहां सूर्य की नीच स्थिति आत्मविश्वास में कमी ला सकती है और बुध संचार में भावनात्मकता बढ़ाएगा। शुक्र और गुरु मिथुन राशि में बौद्धिक और सामाजिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेंगे, लेकिन प्रेम और वित्त में उतार-चढ़ाव संभव है। शनि मीन राशि में लॉन्गटर्म प्लानिंग और आध्यात्मिकता को सपोर्ट करेगा।


विशेष राशियाँ और उपाय

राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में भ्रम या अप्रत्याशित बदलाव ला सकते हैं। मंगल कन्या राशि में विश्लेषणात्मक कार्यों को बढ़ावा देगा, लेकिन क्रोध या विवाद की स्थिति भी उत्पन्न कर सकता है। आइए जानते हैं कि यह दिन किन राशि वालों के लिए अच्छा नहीं रहेगा और दिन को अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करें?


कर्क राशि

सूर्य और बुध का कर्क राशि में होना आत्मविश्वास में कमी और निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति पैदा कर सकता है। चंद्रमा का मकर राशि में होना वैवाहिक जीवन या साझेदारी में तनाव ला सकता है। कार्यक्षेत्र में असमंजस और स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव की संभावना है। विष्टि करण का प्रभाव दिन के दूसरे भाग में चुनौतियों को बढ़ा सकता है।


उपाय: सुबह सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें और 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का 11 बार जाप करें।


सिंह राशि

केतु का सिंह राशि में होना आत्मविश्वास और व्यक्तिगत मामलों में भ्रम पैदा कर सकता है। चंद्रमा का मकर में होना शत्रुओं या स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है। कार्यक्षेत्र में विरोध और स्वास्थ्य में छोटी-मोटी समस्याएं संभव हैं।


उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।


मकर राशि

चंद्रमा का मकर राशि में होना भावनात्मक गंभीरता और जिम्मेदारियों का दबाव बढ़ा सकता है। शनि का मीन राशि में होना संचार या छोटी यात्राओं में बाधाएं पैदा कर सकता है। विष्टि करण दिन के दूसरे भाग में मानसिक तनाव और कार्यों में देरी ला सकता है। स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी समस्याएं भी हो सकती हैं।


उपाय: हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें।


कुंभ राशि

राहु का कुंभ राशि में होना भ्रम, अनिश्चितता और अप्रत्याशित घटनाओं का कारण बन सकता है। चंद्रमा का मकर में होना खर्चों और मानसिक अशांति को बढ़ा सकता है। वित्तीय निर्णय लेते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य में भी कमी संभव है।


उपाय: काले तिल और गुड़ का दान मंदिर या जरूरतमंद व्यक्ति को करें।