घर में शीशे लगाने के वास्तु नियम: सकारात्मक ऊर्जा के लिए सही दिशा और संख्या
घर में शीशे लगाने के वास्तु नियमों को समझना महत्वपूर्ण है। यह न केवल सजावट का हिस्सा हैं, बल्कि ऊर्जा के स्रोत भी हैं। सही दिशा और संख्या से सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है। जानें कि किस दिशा में और कितने शीशे लगाने चाहिए, ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। बेडरूम में शीशे लगाने के नकारात्मक प्रभावों से भी अवगत हों।
| Dec 27, 2025, 12:18 IST
शीशे का महत्व और वास्तु में भूमिका
आजकल घरों में शीशे का उपयोग सजावट और सुविधा के लिए आम हो गया है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, शीशा केवल एक साधारण वस्तु नहीं है, बल्कि यह ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है। वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार, शीशा अपने चारों ओर की ऊर्जा को प्रतिबिंबित करके उसे कई गुना बढ़ा देता है। इसलिए, यदि घर में सकारात्मक ऊर्जा है, तो शीशा उसे और बढ़ाएगा, जबकि नकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ा सकता है।
शीशों की संख्या और दिशा
घर में शीशों की संख्या, आकार और स्थान पर ध्यान देना आवश्यक है। आजकल लोग अपने घरों में कई शीशे लगाते हैं। यह सही है या गलत, यह इस बात पर निर्भर करता है कि शीशे किस दिशा में और किस प्रकार से लगाए गए हैं।
घर में कितने मिरर लगाना चाहिए
घर में कितने मिरर लगाना चाहिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में शीशों की संख्या पर कोई सख्त नियम नहीं है। आप चाहें तो एक से अधिक मिरर लगा सकते हैं, लेकिन उनकी दिशा, प्लेसमेंट और आकार सही होना चाहिए। यदि शीशा किसी शुभ वस्तु जैसे हरे पौधे, सुंदर प्राकृतिक चित्र या धन की तिजोरी को दर्शाता है, तो अधिक संख्या में शीशे सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
हालांकि, घर में अनावश्यक रूप से अधिक मिरर नहीं लगाने चाहिए, विशेषकर जब वे आमने-सामने हों या भ्रम पैदा कर रहे हों। वास्तु के अनुसार, उत्तर और पूर्व की दीवारों पर शीशा लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है, जो धन और समृद्धि को बढ़ावा देता है।
पूर्व दिशा स्वास्थ्य और खुशहाली का प्रतीक है। डाइनिंग टेबल के नीचे लगा शीशा भोजन की मात्रा को दर्शाता है, जिसे वास्तु में अन्न और सौभाग्य की वृद्धि के लिए शुभ माना जाता है। लेकिन बेडरूम में शीशा लगाना अशुभ माना जाता है, खासकर यदि सोते हुए व्यक्ति का प्रतिबिंब दिखाई दे। इससे वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
यदि बेडरूम से शीशा हटाना संभव न हो, तो रात में उसे कपड़े से ढक देना चाहिए। इसके अलावा, घर के मुख्य द्वार के सामने शीशा नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को बाहर धकेल देता है, जिससे घर में बरकत रुक जाती है। दो शीशों को आमने-सामने भी नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा का भंवर बनाता है, जो चिंता और अशांति का कारण बनता है।
