अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: गठिया से राहत के लिए योगासन

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025
बीमारियाँ हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हालांकि, यह एक सकारात्मक पहलू नहीं है, लेकिन मानव जीवन में हमें समय-समय पर इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम बीमारियों से बचने के लिए कई उपाय कर सकते हैं, जिनमें से एक योग है। योग एक ऐसी शारीरिक गतिविधि है, जो भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि योग को वैश्विक स्तर पर फैलाने का श्रेय भारत को जाता है। हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, और इस वर्ष भी भारत में इसके लिए व्यापक तैयारियाँ की जा रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष के योग दिवस की थीम की घोषणा भी कर दी है।
गठिया से राहत के लिए योगासन
गाउट, जिसे गठिया भी कहा जाता है, एक गंभीर हड्डियों से संबंधित समस्या है, जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण होती है। इस बीमारी में पैरों और जोड़ों में तीव्र और असहनीय दर्द होता है। आज हम आपको बताएंगे कि गठिया की समस्या में कौन से योगासन मददगार हो सकते हैं।
इन योगासनों की मदद से दूर करें गठिया
1. पवनमुक्तासन
इस आसन से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे गैस की समस्या नहीं होती। गठिया के मरीजों को इसे रोजाना करना चाहिए ताकि मल त्याग में आसानी हो और यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित रहे।
2. वज्रासन
गठिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिए वज्रासन करना लाभकारी है। यह पाचन में सुधार करता है और जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करता है। यदि इसे खाने के बाद 5-10 मिनट तक किया जाए, तो यह समस्या को कम कर सकता है।
3. ताड़ासन
यह एक सरल आसन है जिसे कोई भी कर सकता है। ताड़ासन यूरिक एसिड को कम करने के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसे करते समय गहरी सांसें लेना आवश्यक है।
4. पश्चिमोत्तानासन
इस आसन में आपको बैठकर पैरों को सीधा रखना है और शरीर को आगे की ओर झुकाना है। यह मुद्रा मेटाबॉलिज्म को मजबूत करती है और तनाव को कम करती है।
5. सेतु बंधासन
यह मुद्रा रीढ़, घुटनों और कूल्हों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे नियमित रूप से करने से रक्त संचार में सुधार होता है और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
6. अर्ध मत्स्येन्द्रासन
यह एक घुमावदार आसन है जो रीढ़ और जोड़ों की जकड़न को दूर करता है। यह थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
7. प्राणायाम
यह श्वसन क्रिया मानसिक तनाव को कम करती है, जिससे सूजन और दर्द में राहत मिलती है। इसे रोजाना कुछ समय के लिए करने से तनाव भी कम होता है।