इंदिरा एकादशी: जानें व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त

भगवान विष्णु को समर्पित विशेष तिथि
इंदिरा एकादशी का महत्व
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। गरुड़ पुराण के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उसे स्वर्ग में स्थान मिलता है। इस अवसर पर पितरों का तर्पण भी किया जाता है।
व्रत का पारण और शुभ मुहूर्त
इंदिरा एकादशी का व्रत द्वादशी तिथि पर समाप्त होता है। यदि व्रत का पारण नहीं किया जाता है, तो साधक को इसके फल से वंचित रहना पड़ता है।
शुभ मुहूर्त
इस वर्ष इंदिरा एकादशी का व्रत 17 सितंबर को मनाया जाएगा। तिथि की शुरुआत 17 सितंबर को रात 12:21 बजे होगी और समाप्ति 11:39 बजे होगी।
पारण का समय
द्वादशी तिथि पर पारण का शुभ समय 18 सितंबर को सुबह 06:07 से 08:34 बजे तक है। इस दौरान किसी भी समय पारण किया जा सकता है।
पारण की विधि
कैसे करें पारण
- सुबह स्नान के बाद भगवान का ध्यान करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें और भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- सात्विक भोजन और मिठाई का भोग लगाएं।
- प्रभु से सुख-शांति की प्रार्थना करें और अंत में प्रसाद ग्रहण करें।
दान का महत्व
दान करें
पारण के बाद अन्न, धन और वस्त्र का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वादशी तिथि पर दान करने से जीवन में कोई कमी नहीं आती और धन में वृद्धि होती है।
भगवान विष्णु के मंत्र
मंत्र
- ॐ नमो: नारायणाय॥
- ॐ नमो: भगवते वासुदेवाय॥
- ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्॥