किसानों के लिए बिजली योजना: ट्रांसफार्मर खर्च में राहत और उपभोक्ता सेवा में पारदर्शिता

किसानों को मिली बड़ी राहत
किसानों के लिए बिजली योजना: ट्रांसफार्मर खर्च में राहत और उपभोक्ता सेवा में पारदर्शिता: हरियाणा में (हरियाणा बिजली संशोधन) लागू होने के बाद किसानों को एक महत्वपूर्ण राहत मिली है। अब यदि किसी किसान के निजी ट्रांसफार्मर में चोरी या खराबी आती है, तो उसकी मरम्मत या प्रतिस्थापन की जिम्मेदारी पूरी तरह से (बिजली वितरण कंपनी) की होगी। पहले इस खर्च का एक बड़ा हिस्सा किसानों को उठाना पड़ता था, जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता था। लेकिन अब (ट्रांसफार्मर लागत राहत) के तहत यह बोझ समाप्त कर दिया गया है।
कृषि कनेक्शन स्थानांतरण पर राहत
इस निर्णय (HERC नियम) के तहत लिया गया है, जो हरियाणा सरकार के राजपत्र में प्रकाशित होते ही पूरे राज्य में लागू हो गया। इससे किसानों को न केवल आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि बिजली सेवा में भरोसा भी बढ़ेगा।
कृषि कनेक्शन स्थानांतरण पर भी राहत Farmer Electricity Scheme
(हरियाणा बिजली संशोधन) के तहत किसानों को एक और बड़ी सुविधा दी गई है। यदि किसी तकनीकी या भौगोलिक कारण से जैसे बोरवेल की विफलता, पानी की गुणवत्ता या भूमि अधिग्रहण के चलते कृषि कनेक्शन को स्थानांतरित करना पड़े, तो अब यह स्थानांतरण 70 मीटर के भीतर और किसान की अपनी ज़मीन पर हो सकता है—बिना किसी अतिरिक्त लागत के।
इस लागत को अब (ARR याचिका) के तहत बिजली वितरण कंपनी समायोजित करेगी। यह कदम (किसान बिजली योजना) को मजबूती देगा और किसानों को तकनीकी समस्याओं से निपटने में मदद करेगा।
पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में कदम
पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में कदम
हरियाणा विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री नन्द लाल शर्मा ने इस संशोधन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय (उपभोक्ता बिजली अधिकार) को सशक्त करने और बिजली व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
(हरियाणा सरकार की बिजली नीति) के तहत यह पहल उपभोक्ता सहभागिता, तकनीकी गुणवत्ता और (किसान समर्थन हरियाणा) को बढ़ावा देती है। इससे बिजली वितरण प्रणाली में विश्वास और दक्षता बढ़ेगी, जो राज्य के विकास में सहायक होगी।