कुंडली में चंद्र दोष से मुक्ति के लिए प्रमुख मंदिर
चंद्रमा का महत्व और प्रभाव
नई दिल्ली: कुंडली में चंद्रमा को मन और मातृत्व का प्रतीक माना जाता है। यह एक शुभ और शीतल ग्रह है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा सकारात्मक स्थिति में है, तो उसे समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है और उसका जीवन सुखद रहता है। चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है, जो हर ढाई दिन में राशि बदलता है। यह कर्क राशि का स्वामी है, जबकि वृषभ इसकी उच्च राशि और वृश्चिक इसकी नीच राशि मानी जाती है।
चंद्रमा की शुभता और अशुभता
यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा शुभ है, तो यह मान-सम्मान, ज्ञान और धन में वृद्धि करता है। ऐसे लोग खुशमिजाज होते हैं और मित्रता में माहिर होते हैं। लेकिन जब चंद्रमा अशुभ या कमजोर होता है, या राहु, केतु, और शनि से प्रभावित होता है, तो जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है। चंद्रमा का राहु और केतु के साथ मिलना चंद्र ग्रहण दोष उत्पन्न करता है, जबकि शनि के साथ युति विष योग का निर्माण करती है।
चंद्र दोष के प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्र दोष एक गंभीर समस्या है। जब चंद्रमा खराब स्थिति में होता है, तो यह मानसिक रोगों, अनिद्रा और बेचैनी का कारण बनता है। चंद्रमा समुद्र में ज्वार-भाटा का कारण बनता है, इसी तरह इसका मानव मन और भावनाओं पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।
कमजोर चंद्रमा के लक्षण
ज्योतिषाचार्य गायत्री शर्मा के अनुसार, कमजोर चंद्रमा व्यक्ति के मन में नकारात्मकता भरता है, जिससे अज्ञात भय और मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। ऐसे जातकों को मां का सहयोग नहीं मिलता और उनकी सेहत भी प्रभावित होती है। इसके अलावा, उन्हें सांस संबंधी बीमारियों, मित्रों से धोखा और करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
चंद्र दोष से मुक्ति के उपाय
महादेव की पूजा ऐसे जातकों के लिए शुभ मानी जाती है। उन्हें हर सोमवार को शिवलिंग पर दूध चढ़ाना चाहिए और ब्राह्मण को दान देना चाहिए। इससे चंद्रमा की अशुभता कम होती है। सोमवार का व्रत भी चंद्रमा के शुभ फल को बढ़ाता है।
चंद्र दोष से मुक्ति के लिए प्रमुख मंदिर
भारत में कुछ मंदिर हैं जहां दर्शन करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। इनमें से पहला है सोमनाथ मंदिर, जो गुजरात में स्थित है। मान्यता है कि चंद्र देव ने यहां महादेव की पूजा की थी। उत्तराखंड के ऋषिकेश में चंद्रेश्वर महादेव मंदिर भी महत्वपूर्ण है, जहां चंद्रमा ने तपस्या की थी। कर्नाटक के उडुपी में चंद्रमौलेश्वर और अनाथेश्वर मंदिर भी चंद्र दोष से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।
अन्य महत्वपूर्ण मंदिर
तमिलनाडु के कैलासंथर मंदिर और वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर भी चंद्र दोष से मुक्ति के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों में दर्शन करने से चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और जातक को मानसिक शांति मिलती है।
