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कुरुक्षेत्र में आरटीआई के तहत 40,000 पन्नों का जवाब भेजा गया

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक आरटीआई एक्टिविस्ट को पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा 40,000 पन्नों का जवाब भेजा गया है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें आधी जानकारी नहीं दी गई। पंकज अरोड़ा ने 30 जनवरी को विभाग से ठेकों और खर्चों का विवरण मांगा था, लेकिन जवाब देने में विभाग को 196 दिन लग गए। मामला अब मुख्य सूचना आयुक्त के पास पहुंच चुका है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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कुरुक्षेत्र में आरटीआई के तहत 40,000 पन्नों का जवाब भेजा गया

जानकारी के लिए पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट से मांगी गई थी


कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने एक आरटीआई एक्टिविस्ट को 40,000 पन्नों का जवाब भेजा है। इस प्रक्रिया के लिए आरटीआई एक्टिविस्ट ने विभाग को 80,000 रुपए की फीस भी अदा की थी। हालांकि, अब उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें आधी जानकारी नहीं दी गई है।


जानकारी की मांग

पंकज अरोड़ा, जो सेक्टर-13 में रहते हैं, ने 30 जनवरी को आरटीआई के तहत 15 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। इसमें ठेकों, जीएसटी, कर्मचारियों और खर्चों का विवरण मांगा गया था। उन्होंने पूछा था कि टेंडर कैसे पास हुए, किन ठेकेदारों को लाइसेंस मिला, कितने कर्मचारी हैं, और विभाग का राजस्व कहां गया।


जानकारी देने में देरी

आरोप है कि विभाग ने जानकारी देने में 196 दिन का समय लिया। इसके लिए 80,000 रुपए की फीस मांगी गई थी, जिसे पंकज ने ड्राफ्ट के माध्यम से जमा किया।


मुख्य सूचना आयुक्त तक मामला पहुंचा

पंकज अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी मामले की जानकारी दी। इसके बाद डीसी के निर्देश पर विभाग ने जवाब दिया, लेकिन उसमें भी आवश्यक जानकारी नहीं थी। अब मामला मुख्य सूचना आयुक्त के पास पहुंच चुका है और उनकी अपील स्वीकार कर ली गई है।


डिमांड ड्राफ्ट जमा नहीं हुआ

आरटीआई के जवाब के लिए जमा की गई 80,000 रुपए की फीस का डिमांड ड्राफ्ट अभी तक विभाग ने बैंक में जमा नहीं किया है। बैंक की पुष्टि से पता चला है कि भुगतान की वैधता की मियाद भी समाप्त हो चुकी है।