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क्रिसमस के रंग: परंपरा और अर्थ

क्रिसमस, जो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है, अब केवल ईसाई समुदाय तक सीमित नहीं रहा। यह त्योहार विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। इस लेख में, हम क्रिसमस के पारंपरिक रंगों - हरा, लाल और सफेद - के पीछे के अर्थ और उनकी सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में जानेंगे। जानें कि ये रंग किस प्रकार जीवन, उम्मीद और पवित्रता का प्रतीक हैं।
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क्रिसमस के रंग: परंपरा और अर्थ

क्रिसमस का त्योहार

नई दिल्ली: हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला क्रिसमस, विश्वभर में ईसाई समुदाय के लिए एक विशेष उत्सव है। समय के साथ, यह त्योहार केवल धार्मिक सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विभिन्न धर्मों के लोग भी इसे अपने घरों में मनाने लगे हैं। क्रिसमस के आगमन से पहले ही बाजारों में रंग-बिरंगी रोशनी, क्रिसमस ट्री, सितारे, स्टॉकिंग्स, सांता कैप और अन्य सजावट से सजने लगते हैं।


क्रिसमस की सजावट

क्रिसमस के दौरान, न केवल घरों को सजाया जाता है, बल्कि चर्च, बाजार, दुकानें, होटल और रेस्टोरेंट भी आकर्षक रंगों से भरे होते हैं। विभिन्न रंगों जैसे गोल्डन, पीला, गुलाबी, नीला, लाल, हरा और सफेद का उपयोग किया जाता है। हालांकि, लाल, हरा और सफेद रंग पारंपरिक क्रिसमस रंग माने जाते हैं, और इनका चयन गहरे अर्थ और परंपराओं से जुड़ा हुआ है।


हरा रंग का महत्व

हरा रंग 

हरा रंग सदाबहार क्रिसमस ट्री से जुड़ा हुआ है। ये पेड़ कठोर सर्दियों में भी अपने पत्ते नहीं गिराते। जब अन्य पौधे सूख जाते हैं, तब भी ये ताजगी बनाए रखते हैं, जो जीवन और उम्मीद का प्रतीक है। ईसाई धर्म में, हरा रंग अनंत जीवन, उम्मीद और भगवान के आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करता है। यही कारण है कि क्रिसमस ट्री हरा होता है और इसका आध्यात्मिक महत्व है।


लाल रंग का इतिहास

लाल रंग 

लाल रंग की परंपरा मध्यकालीन यूरोप से आई है। उस समय, बाइबिल की कहानियों को सिखाने के लिए क्रिसमस की पूर्व संध्या पर नाटक आयोजित किए जाते थे। इन नाटकों में ईडन गार्डन को लाल सेबों से सजाए गए पाइन पेड़ों के साथ दर्शाया जाता था। समय के साथ, लाल रंग क्रिसमस का एक प्रमुख रंग बन गया।


सफेद रंग का प्रतीकात्मक अर्थ

सफेद रंग 

सफेद रंग पश्चिमी संस्कृति में पवित्रता और शांति का प्रतीक है। क्रिसमस सर्दियों में आता है, जब बर्फ सब कुछ सफेद कर देती है। 18वीं सदी में, पेड़ों को सजाने के लिए सफेद वेफर्स का उपयोग किया जाता था, जो यीशु मसीह के शरीर का प्रतीक थे। आज भी, सफेद रंग चर्च की सजावट में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जिससे यह क्रिसमस का एक पारंपरिक रंग बन गया है।