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खरमास 2025: ज्योतिषीय प्रभाव और सावधानियां

खरमास 2025 की अवधि 16 दिसंबर से शुरू हो रही है, जो ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान सूर्य धनु राशि में गोचर करेगा, जिससे कुछ राशियों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। जानें किन राशियों को इस समय तनाव और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और इस अवधि में ध्यान रखने योग्य बातें क्या हैं।
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खरमास का महत्व


नई दिल्ली: हिंदू धर्म में खरमास की अवधि को ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय सूर्य धनु राशि में गोचर करता है, और इस वर्ष यह अवधि 16 दिसंबर, 2025 से प्रारंभ होगी। परंपरागत रूप से, इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश या नए कार्यों जैसे शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि माना जाता है कि धनु राशि में सूर्य की स्थिति प्रतिकूल ऊर्जा उत्पन्न करती है।


खरमास का आत्म-चिंतन और चुनौतियां

हालांकि खरमास आत्म-चिंतन और आध्यात्मिक विकास का समय है, यह कुछ राशियों के लिए विशेष ज्योतिषीय चुनौतियां भी लेकर आता है। ज्योतिषियों के अनुसार, चार राशियों को इस अवधि में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि सूर्य का गोचर उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं में तनाव या कठिनाइयां उत्पन्न कर सकता है।


मिथुन राशि

मिथुन: इस राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर उनके सातवें भाव को प्रभावित करेगा, जो साझेदारी और रिश्तों से संबंधित है। इससे व्यापारिक साझेदार या जीवनसाथी के साथ गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। प्रियजन के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता हो सकती है। अनावश्यक बहस से बचना और वाणी पर नियंत्रण रखना महत्वपूर्ण है।


कन्या राशि

कन्या: इस राशि के जातकों को परिवार से संबंधित तनाव का सामना करना पड़ सकता है, विशेषकर मां के साथ या घरेलू मामलों में, क्योंकि सूर्य उनके चौथे भाव को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य या पारिवारिक मुद्दों को लेकर चिंता हो सकती है। इस दौरान संपत्ति या वाहनों की खरीद में देरी करने की सलाह दी जाती है।


धनु राशि

धनु: धनु राशि के जातक अपनी ही राशि में सूर्य के गोचर का प्रत्यक्ष प्रभाव महसूस करेंगे, जिससे अहंकार या घमंड बढ़ सकता है। यह उनके दोस्तों या परिवार के साथ रिश्तों को प्रभावित कर सकता है। स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना आवश्यक है, इसलिए अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।


मीन राशि

मीन: इस राशि के जातकों के लिए, सूर्य का गोचर उनके बारहवें भाव में खर्चों में वृद्धि कर सकता है, जिससे उनकी वित्तीय योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। निवेश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और लंबी यात्राओं में भी सतर्क रहना चाहिए।


खरमास के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

खरमास: यह बड़े जीवन परिवर्तनों के लिए उपयुक्त समय नहीं है, लेकिन आध्यात्मिक अभ्यासों के लिए यह एक उत्कृष्ट अवधि है। दान-पुण्य करना, मंत्रों का जाप करना या भगवान विष्णु की पूजा करना लाभकारी होता है। इस दौरान बड़े निर्णय लेने से बचें, जैसे विवाह, गृह प्रवेश या नया व्यवसाय शुरू करना। इसके बजाय ध्यान, प्रार्थना और आत्म-चिंतन पर ध्यान केंद्रित करें। इस अवधि में गुस्सा करने से बचना और शांत रहना भी महत्वपूर्ण है।