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गणेश चतुर्थी: भगवान शिव के 108 नामों का जाप करें

मार्गशीर्ष के महीने में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसे गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। पूजा और व्रत करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर भगवान शिव के 108 नामों का जाप करना भी शुभ माना जाता है। जानें भगवान शिव के नाम और उनका महत्व।
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गणेश चतुर्थी: भगवान शिव के 108 नामों का जाप करें

मार्गशीर्ष माह का महत्व

मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है, जिसमें कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसे गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान गणेश के 'गणाधिप' स्वरूप की आराधना के लिए समर्पित है। आज, 8 नवंबर, शनिवार को गणाधिप चतुर्थी का उत्सव मनाया जाएगा।


इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होने की मान्यता है, साथ ही सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर भगवान शिव के नामों का जाप करना भी शुभ माना जाता है।


भगवान शिव के 108 नाम

भगवान शिव के 108 नाम


- ॐ महाकाल नमः


- ॐ रुद्रनाथ नमः


- ॐ भीमशंकर नमः


- ॐ नटराज नमः


- ॐ प्रलेयन्कार नमः


- ॐ चंद्रमोली नमः


- ॐ डमरूधारी नमः


- ॐ चंद्रधारी नमः


- ॐ भोलेनाथ नमः


- ॐ कैलाश पति नमः


- ॐ भूतनाथ नमः


- ॐ नंदराज नमः


- ॐ नन्दी की सवारी नमः


- ॐ ज्योतिलिंग नमः


- ॐ मलिकार्जुन नमः


- ॐ भीमेश्वर नमः


- ॐ विषधारी नमः


- ॐ बम भोले नमः


- ॐ विश्वनाथ नमः


- ॐ अनादिदेव नमः


- ॐ उमापति नमः


- ॐ गोरापति नमः


- ॐ गणपिता नमः


- ॐ ओंकार स्वामी नमः


- ॐ ओंकारेश्वर नमः


- ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः


- ॐ भोले बाबा नमः


- ॐ शिवजी नमः


- ॐ शम्भु नमः


- ॐ नीलकंठ नमः


- ॐ महाकालेश्वर नमः


- ॐ त्रिपुरारी नमः


- ॐ त्रिलोकनाथ नमः


- ॐ त्रिनेत्रधारी नमः


- ॐ बर्फानी बाबा नमः


- ॐ लंकेश्वर नमः


- ॐ अमरनाथ नमः


- ॐ केदारनाथ नमः


- ॐ मंगलेश्वर नमः


- ॐ अर्धनारीश्वर नमः


- ॐ नागार्जुन नमः


- ॐ जटाधारी नमः


- ॐ नीलेश्वर नमः


- ॐ जगतपिता नमः


- ॐ मृत्युन्जन नमः


- ॐ नागधारी नमः


- ॐ रामेश्वर नमः


- ॐ गलसर्पमाला नमः


- ॐ दीनानाथ नमः


- ॐ सोमनाथ नमः


- ॐ जोगी नमः


- ॐ भंडारी बाबा नमः


- ॐ बमलेहरी नमः


- ॐ गोरीशंकर नमः


- ॐ शिवाकांत नमः


- ॐ महेश्वराए नमः


- ॐ महेश नमः


- ॐ संकटहारी नमः


- ॐ महेश्वर नमः


- ॐ रुंडमालाधारी नमः


- ॐ जगपालनकर्ता नमः


- ॐ पशुपति नमः


- ॐ संगमेश्वर नमः


- ॐ दक्षेश्वर नमः


- ॐ घ्रेनश्वर नमः


- ॐ मणिमहेश नमः


- ॐ अनादी नमः


- ॐ अमर नमः


- ॐ आशुतोष महाराज नमः


- ॐ विलवकेश्वर नमः


- ॐ अचलेश्वर नमः


- ॐ ओलोकानाथ नमः


- ॐ आदिनाथ नमः


- ॐ देवदेवेश्वर नमः


- ॐ प्राणनाथ नमः


- ॐ शिवम् नमः


- ॐ महादानी नमः


- ॐ शिवदानी नमः


- ॐ अभयंकर नमः


- ॐ पातालेश्वर नमः


- ॐ धूधेश्वर नमः


- ॐ सर्पधारी नमः


- ॐ त्रिलोकिनरेश नमः


- ॐ हठ योगी नमः


- ॐ विश्लेश्वर नमः


- ॐ नागाधिराज नमः


- ॐ सर्वेश्वर नमः


- ॐ उमाकांत नमः


- ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः


- ॐ त्रिकालदर्शी नमः


- ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः


- ॐ महादेव नमः


- ॐ गढ़शंकर नमः


- ॐ मुक्तेश्वर नमः


- ॐ नटेषर नमः


- ॐ गिरजापति नमः


- ॐ भद्रेश्वर नमः


- ॐ त्रिपुनाशक नमः


- ॐ निर्जेश्वर नमः


- ॐ किरातेश्वर नमः


- ॐ जागेश्वर नमः


- ॐ अबधूतपति नमः


- ॐ भीलपति नमः


- ॐ जितनाथ नमः


- ॐ वृषेश्वर नमः


- ॐ भूतेश्वर नमः


- ॐ बैजूनाथ नमः


- ॐ नागेश्वर नमः