गुरु ग्रह का गोचर: मिथुन, कर्क और सिंह राशि पर प्रभाव
गुरु ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को भाग्य, ज्ञान, धर्म, विवाह, संतान, धन और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है। जब गुरु ग्रह किसी राशि में होते हैं, तो वे विकास, विस्तार और सीखने के अवसर प्रदान करते हैं। शुभ स्थिति में, गुरु जातक के जीवन में सुख, समृद्धि और मान-सम्मान लाते हैं। 2026 में बृहस्पति का गोचर तीन राशियों में होने वाला है, जिसमें साल की शुरुआत में गुरु मिथुन राशि में रहेंगे।
गुरु ग्रह का गोचर
गुरु ग्रह 02 जून 2026 को अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करेंगे और 31 अक्टूबर 2026 को सिंह राशि में जाएंगे। इसके बाद 13 दिसंबर 2026 को गुरु वक्री हो जाएंगे। यह परिवर्तन सभी राशियों पर प्रभाव डालेगा। इस लेख में हम जानेंगे कि गुरु का यह गोचर विभिन्न राशियों पर कैसे असर डालेगा।
मिथुन राशि
गुरु इस दौरान आपकी राशि के 12वें भाव में गोचर करेंगे, जिससे खर्च बढ़ सकते हैं और अस्पताल या विदेश यात्रा की संभावना बन सकती है। मानसिक अस्थिरता और अकेलापन महसूस हो सकता है। धन के मामले में सावधानी बरतें, क्योंकि बजट बिगड़ सकता है। हालांकि, यह समय आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। पूजा-पाठ और ध्यान आपके लिए लाभकारी रहेंगे।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए यह वर्ष बहुत अच्छा रहेगा। गुरु आपकी राशि में उच्च होकर आएंगे, जिससे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मक बदलाव आएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य में सुधार होगा। इस दौरान उन्नति के अवसर मिलेंगे और विवाह के योग्य लोगों के लिए अच्छे रिश्ते आएंगे। व्यापार में वृद्धि और रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है।
सिंह राशि
इस अवधि में गुरु आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आय के स्रोत बढ़ेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा और आपकी वाणी का प्रभाव बढ़ेगा। नौकरी में वेतन वृद्धि या बोनस मिलने की संभावना है। व्यापारियों को नए ग्राहक और आर्थिक सफलता मिलेगी। कुल मिलाकर, यह समय परिवार और धन दोनों के लिए स्थायित्व और संतुलन लाएगा।
