घर के मंदिर में गुरु और भगवान की तस्वीरें: क्या है सही तरीका?
इस लेख में हम जानेंगे कि घर के मंदिर में गुरु और भगवान की तस्वीरें एक साथ रखना कितना शुभ है। हिंदू धर्म में गुरु को भगवान के समान माना जाता है, और उनके साथ भगवान की तस्वीर रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हम यह भी देखेंगे कि इस प्रक्रिया के कुछ नियम क्या हैं और इन्हें कैसे सही तरीके से अपनाया जा सकता है। यदि आप अपने घर के मंदिर को सही तरीके से सजाना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।
| Nov 6, 2025, 16:07 IST
घर के मंदिर में गुरु और भगवान की तस्वीरें रखने के नियम
वास्तु शास्त्र में घर के मंदिर से संबंधित कई महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख किया गया है, जिनका पालन करना आवश्यक है ताकि वास्तु दोष से बचा जा सके। यह भी बताया गया है कि घर के मंदिर में क्या रखना चाहिए और क्या नहीं। जैसे कि मंदिर में कितनी और किस प्रकार की देवी-देवताओं की मूर्तियाँ होनी चाहिए, और मंदिर की दिशा क्या होनी चाहिए। कुछ लोग घर के मंदिर में भगवान की मूर्ति के साथ गुरु की तस्वीर भी रखते हैं। इस लेख में हम यह जानेंगे कि क्या यह सही है।
गुरु और भगवान की तस्वीरें एक साथ रखना
हिंदू धर्म में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना जाता है। गुरु को ज्ञान का स्रोत और ईश्वर तक पहुँचने का मार्गदर्शक माना जाता है। पुराणों में भी गुरु को ईश्वर का प्रत्यक्ष रूप माना गया है। इसलिए जब आप घर के मंदिर में गुरु की तस्वीर रखते हैं, तो यह दर्शाता है कि आप गुरु को भी उसी श्रद्धा से देखते हैं जैसे भगवान को। इस प्रकार, घर के मंदिर में गुरु और भगवान की तस्वीरें एक साथ रखना शुभ माना जाता है।
गुरु हमें आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं और ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग दिखाते हैं। मंदिर भक्ति और ज्ञान का केंद्र होता है। घर के मंदिर में गुरु और भगवान की तस्वीरें एक साथ रखने से ज्ञान और भक्ति का वातावरण बनता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे हमें गुरु और भगवान दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
यह माना जाता है कि घर के मंदिर में गुरु और भगवान की तस्वीरें एक साथ रखने से परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है। परिवार के सदस्यों को अपने समस्याओं का समाधान स्वतः मिल जाता है। हालांकि, गुरु और भगवान की तस्वीरें एक साथ रखने के कुछ नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। इन नियमों का ध्यान रखकर ही शुभता सुनिश्चित की जा सकती है, अन्यथा घर में नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं।
घर के मंदिर में भगवान की तस्वीर या मूर्ति को हमेशा गुरु की तस्वीर से थोड़ा ऊँचा रखना चाहिए। इसका कारण यह है कि गुरु हमें भगवान तक पहुँचने का मार्ग दिखाते हैं, जबकि भगवान स्वयं परम सत्ता हैं। यह सम्मान का प्रतीक है। वास्तु के अनुसार, घर के मंदिर में भगवान की दाहिनी ओर गुरु की तस्वीर रखना शुभ माना जाता है। दाहिनी दिशा को पुरुष तत्व और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है, जिससे व्यक्ति की कीर्ति और सम्मान बढ़ता है।
