चंद्र ग्रहण, पितृ पक्ष और मृत्यु पंचक: एक दुर्लभ संयोग का प्रभाव
विशेष संयोग का महत्व
रविवार, 7 सितंबर 2025 को एक अनोखा संयोग देखने को मिलेगा, जिसमें चंद्र ग्रहण, पितृ पक्ष और मृत्यु पंचक एक साथ होंगे। ज्योतिष और खगोल विज्ञान के दृष्टिकोण से यह दिन विशेष महत्व रखता है। इन तीन घटनाओं का एक साथ होना असामान्य है और इसका प्रभाव सभी पर पड़ सकता है।चंद्र ग्रहण का समय भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के वैज्ञानिक नीरुज मोहन रामानुजम के अनुसार, चंद्र ग्रहण रात 9:57 बजे प्रारंभ होगा, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करेगा। लगभग एक घंटे बाद, यह पूरी तरह से छाया में आ जाएगा और रात 12:23 बजे के बाद इसका आंशिक चरण शुरू होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे नंगी आंखों से देखना सुरक्षित है।
चिंताओं का बढ़ना
पितृ पक्ष वह समय है जब पूर्वजों को तर्पण दिया जाता है और परिवार में शांति के लिए पूजा की जाती है। वहीं, मृत्यु पंचक को अशुभ माना जाता है। जब ये तीन घटनाएं एक साथ होती हैं, तो इसे शास्त्रों में शुभ संकेत नहीं माना जाता। इसका प्रभाव लोगों के मानसिक संतुलन, निर्णय क्षमता और कार्यों पर पड़ सकता है।
सावधानी बरतने वाली राशियाँ
ज्योतिषियों के अनुसार, कुछ राशियों के जातकों को इस समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बिना सोचे-समझे कोई बड़ा निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।
कुंभ राशि: इस राशि में ग्रहण हो रहा है और शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है। इसलिए कुंभ राशि वालों को वाहन चलाते समय सतर्क रहना चाहिए। व्यवसाय में घाटा और पारिवारिक तनाव बढ़ सकता है।
सिंह राशि: सिंह राशि के लोगों को अपने करियर और निवेश से जुड़े मामलों में सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। विवादों से बचना बेहतर रहेगा।
तुला राशि: तुला राशि वालों के लिए यह समय मानसिक अशांति का कारण बन सकता है। कार्यस्थल पर दबाव बढ़ सकता है और नौकरी को लेकर अनिश्चितता बनी रह सकती है।
क्या करें और क्या न करें
विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय संयम और सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण उपाय हैं। पूजा-पाठ, दान-पुण्य और ध्यान के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा को कम किया जा सकता है। विशेष रूप से जिन राशियों पर इसका अधिक प्रभाव है, उन्हें अपने स्वास्थ्य और निर्णयों पर ध्यान देना चाहिए।