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चंद्रमा और तनाव: जानें कैसे ग्रहों का प्रभाव बनाता है मानसिक दबाव

इस लेख में हम चंद्रमा और मानसिक तनाव के बीच के संबंध को समझेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। जानें कैसे चंद्रमा की स्थिति मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है और तनाव के कारणों को समझें। क्या आप जानते हैं कि पूर्णिमा का भी तनाव पर क्या असर होता है? इस लेख में विस्तार से जानें।
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आज का कालचक्र: 23 अगस्त 2025

कालचक्र आज: 23 अगस्त 2025: ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रहों और 12 राशियों का महत्वपूर्ण स्थान है। हर ग्रह किसी न किसी जीवन के पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं का पता लगाया जा सकता है, यहां तक कि यह भी जाना जा सकता है कि व्यक्ति किस उम्र में अधिक तनाव का सामना करेगा। ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है, विशेषकर जब कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो। चंद्र देव को मानसिक स्थिति का कारक माना जाता है।


चंद्रमा और तनाव के बीच का संबंध

चंद्रमा और तनाव के बीच का कनेक्शन



  • जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, उन्हें जल्दी सर्दी-जुकाम होता है। रक्त प्रवाह और हृदय चंद्रमा के क्षेत्र में आते हैं।

  • यदि चंद्रमा उच्च राशि में हो, तो व्यक्ति मीठे खाने का शौकीन बनता है।

  • चंद्रमा नीच राशि में हो तो यह धर्म और बुद्धि को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति को दुखों का सामना करना पड़ता है।

  • चंद्रमा और शुक्र की युति से व्यक्ति मां के प्यार और सुख से वंचित रहता है।

  • यदि चंद्रमा और राहु एक साथ हों, तो व्यक्ति सुख-सुविधाओं की खोज में रहता है और तनाव में रहता है।

  • राहु और चंद्रमा की युति से व्यक्ति का मन चंचल हो जाता है, जिससे वह अधीर हो जाता है।


पूर्णिमा का प्रभाव

पूर्णिमा का भी पड़ता है प्रभाव


जिनकी पाचन क्रिया सामान्य से धीमी होती है, उन्हें पूर्णिमा के दिन विशेष प्रभाव महसूस होता है। ऐसे लोग खाने के बाद नींद या नशे जैसा अनुभव करते हैं। इस स्थिति में, पूर्णिमा के दिन व्रत रखना और चंद्र देव की पूजा करना लाभकारी होता है।


यदि आप चंद्र ग्रह और तनाव के बीच के संबंध के बारे में और जानना चाहते हैं, तो ऊपर दिए गए विवरण को देखें।