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जलियांवाला बाग में नशे के खिलाफ नुक्कड़ नाटक का आयोजन

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जलियांवाला बाग में एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य नशों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाना था। इस कार्यक्रम में छात्रों ने नशों के विनाशकारी प्रभावों को प्रदर्शित किया और लोगों से नशों से दूर रहने की अपील की। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने नशों की समस्या को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
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जलियांवाला बाग में नशे के खिलाफ नुक्कड़ नाटक का आयोजन

नशों के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रयास

अमृतसर - अवैध मादक पदार्थों की तस्करी और नशों की समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शुक्रवार को ऐतिहासिक जलियांवाला बाग में एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभाग के उत्तर-पश्चिमी ज़ोन के उप महानिदेशक और संयुक्त निदेशक विशेष रूप से उपस्थित रहे।


इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को नशों के दुष्प्रभावों और उनके सामाजिक संबंधों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूक करना था। एनसीबी के मुख्य वक्ता ने कहा, “हमने अंग्रेज़ों से आज़ादी तो पा ली है, लेकिन हमारे लोग नशों के गुलाम बन गए हैं। नशीले पदार्थों का दुरुपयोग एक गंभीर वैश्विक समस्या बन चुका है। यह न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि परिवारों को तोड़ता है और समाज को कमजोर करता है। इसके प्रभाव केवल नशे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह लंबे समय तक शारीरिक, मानसिक और सामाजिक हानि का कारण बनते हैं। आज के युवा नशे के कारण अपनी ज़िंदगी को अंधकारमय बना रहे हैं। उन्हें नशों से दूर रहकर देश के लिए कुछ अच्छा करने की आवश्यकता है और जीवन की कीमत को समझना चाहिए।


खालसा कॉलेज अमृतसर के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशों के विनाशकारी प्रभाव, पारिवारिक तनाव और युवाओं के भटकाव को प्रदर्शित किया। इसके साथ ही, यह भी दिखाया गया कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी न केवल व्यक्तिगत जीवन, बल्कि देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ा खतरा है। नाटक के दौरान दर्शकों से नशों से दूर रहने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत एनसीबी या स्थानीय प्रशासन को देने की अपील की गई। इस कार्यक्रम में शहरवासियों, छात्रों और युवा संगठनों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और नुक्कड़ नाटक की सराहना की। माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका पर भी जोर दिया गया, ताकि बच्चों और युवाओं को नशों से दूर रखा जा सके। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को अटारी सरहद के मंच से भी लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया जाएगा, ताकि इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके।