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ड्रैगन फ्रूट लेडी: बंजर भूमि से 90 लाख का साम्राज्य बनाने की कहानी

रीवा सूद, जिन्हें 'ड्रैगन फ्रूट लेडी' के नाम से जाना जाता है, ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में 70 एकड़ बंजर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट और औषधीय फसलों की खेती कर 90 लाख रुपये का साम्राज्य स्थापित किया। उनकी इस पहल ने 300 से अधिक महिलाओं को सशक्त किया है। जानें कैसे उन्होंने जहर-मुक्त खेती के माध्यम से न केवल अपनी बल्कि अन्य महिलाओं की जिंदगी में भी बदलाव लाया।
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ड्रैगन फ्रूट लेडी: बंजर भूमि से 90 लाख का साम्राज्य बनाने की कहानी

ड्रैगन फ्रूट लेडी: रीवा सूद की अद्भुत खेती

ड्रैगन फ्रूट लेडी: रीवा सूद की खेती ने रचा इतिहास! हिमाचल प्रदेश के ऊना में, रीवा सूद ने 70 एकड़ बंजर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट और औषधीय फसलों की खेती कर 90 लाख रुपये का एग्रो-इकोसिस्टम स्थापित किया।


उनकी इस पहल ने 300 से अधिक महिलाओं को सशक्त किया। यह कहानी मेहनत और प्रेरणा की एक अद्भुत मिसाल है।


बंजर भूमि से शुरू हुआ सफर


2016 में, रीवा सूद ने दिल्ली को छोड़कर ऊना का रुख किया। उनके पति के कैंसर के बाद, उन्होंने जहर-मुक्त खेती का निर्णय लिया।


बंजर और पथरीली भूमि पर ड्रिप सिंचाई और जीवामृत का उपयोग करते हुए, उन्होंने 2018 में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की और 30,000 से अधिक पौधे लगाए। अश्वगंधा, तुलसी और मोरिंगा जैसी औषधीय फसलों ने मिट्टी को उपजाऊ बनाया, जिससे आय और पर्यावरण को लाभ मिला।


एग्रिवा नेचुरली की स्थापना


रीवा ने 2022 में ‘एग्रिवा नेचुरली’ प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की, जो विश्व बैंक की सहायता से बनी। इस 1.65 करोड़ की यूनिट में ड्रैगन फ्रूट जूस और हर्बल उत्पादों का निर्माण होता है। इसका टर्नओवर 90 लाख रुपये तक पहुंच गया है और इसकी प्रोसेसिंग क्षमता 153 मीट्रिक टन है। 100 से अधिक किसानों को रोजगार मिला है। ‘ड्रैगोना’ ब्रांड ने बाजार में अपनी पहचान बनाई है। यह यूनिट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है।


महिलाओं का सशक्तिकरण


2021 में, ड्रैगन फ्रूट लेडी ने ‘Him 2 Hum FPO’ की शुरुआत की। NABARD और आयुष मंत्रालय के सहयोग से, 300 से अधिक महिलाएं खेती, पैकेजिंग और मार्केटिंग में सक्रिय हैं। यह पहल हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में फैली हुई है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। 40 परिवार मनरेगा के तहत खेती कर रहे हैं। रीवा का यह प्रयास सामाजिक बदलाव की एक प्रेरणादायक कहानी है।