तुलसी विवाह 2025: जानें इस पवित्र पर्व के महत्व और उपाय
तुलसी विवाह का महत्व
नई दिल्ली: तुलसी विवाह एक महत्वपूर्ण और पवित्र उत्सव है, जिसे हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह पर्व 2 नवंबर 2025 को विशेष रूप से मनाया जाएगा। इसे देव उठनी एकादशी भी कहा जाता है, और इस दिन भक्त माता तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह धूमधाम से करते हैं।
तुलसी विवाह के लाभ
इस दिन तुलसी देवी और भगवान शालिग्राम का विवाह करने से घर में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह पर्व वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है, और जो लोग विवाह में देरी का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह दिन बहुत शुभ साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कुछ उपायों के बारे में।
उपाय जो विवाह में मदद करते हैं
तुलसी और शालिग्राम का गठबंधन करें
तुलसी विवाह के अवसर पर, भगवान शालिग्राम और तुलसी के पौधे को पवित्र धागे से बांधें। इसके बाद, कुछ मिठाइयाँ और फल किसी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण को दान करें। इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
सोलह श्रृंगार अर्पित करें
इस दिन तुलसी माता को दुल्हन की तरह सजाएं। लाल चुनरी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी आदि अर्पित करें। इस उपाय से वैवाहिक जीवन में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं और विवाह सुखमय होता है।
हल्दी अर्पित करें
यदि शादी में कोई रुकावट आ रही हो, तो इस दिन हल्दी मिलाकर स्नान करें और तुलसी माता और शालिग्राम को हल्दी का लेप या हल्दी मिला दूध अर्पित करें। यह उपाय विवाह में अड़चनों को दूर करता है।
घी का दीपक जलाएं
शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं। फिर तुलसी चालीसा का पाठ करें या मंत्र 'ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा' का जाप करें। इस उपाय से विवाह में सुख और सौभाग्य बढ़ता है।
हल्दी से स्नान करें
तुलसी विवाह के दिन नहाने के पानी में हल्दी मिलाकर स्नान करें। यह उपाय गुरु ग्रह को बल देता है और विवाह से जुड़ी रुकावटें दूर करता है।
