दिल्ली-एनसीआर में बारिश का इंतजार: जानें क्या है मौसमी हालात

दिल्ली-एनसीआर में बारिश की उम्मीद
दिल्ली-एनसीआर में बारिश कब आएगी?: इस समय दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए यह एक बड़ा सवाल बन गया है। लोग आसमान की ओर नजरें गड़ाए हुए हैं, चाहे वह घर हो, ऑफिस, घूमने की जगह या स्कूल, सभी बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उमस ने स्थिति को काफी खराब कर दिया है। हर दिन लोग उम्मीद कर रहे हैं कि शायद आज बारिश हो जाए, लेकिन बादल आते हैं, गरजते हैं और बिना बारिश के लौट जाते हैं। इस स्थिति को देखकर यह महसूस होता है कि मौसम और इंसान की किस्मत में कोई समानता है, क्योंकि कोई नहीं जानता कि कब क्या बदल जाएगा।
दिल्ली के आसपास बारिश, लेकिन राजधानी सूखी
दिल्ली के आस-पास के क्षेत्रों जैसे हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश हो रही है, जबकि राजधानी खुद बूंदों के लिए तरस रही है। भारत में मानसून की शुरुआत अच्छी रही है, और बारिश सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक हो चुकी है। उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश 102 प्रतिशत अधिक हो रही है, फिर भी दिल्ली में सूखा बना हुआ है।
चेतावनियों का दौर जारी
मौसम विभाग प्रतिदिन चेतावनियाँ और अलर्ट जारी कर रहा है। बादल भी दिल्ली के ऊपर मंडरा रहे हैं, लेकिन बारिश का कोई नामोनिशान नहीं है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्या दिल्ली की किस्मत में इस समय बारिश नहीं है? आइए समझते हैं कि इस बार मानसून दिल्ली से क्यों दूर है।
दिल्ली में बारिश की कमी के कारण
दिल्ली की भौगोलिक स्थिति बारिश के लिए महत्वपूर्ण है। दिल्ली एक लैंडलॉक्ड क्षेत्र है, यानी यह समुद्र से दूर है। इसी कारण यहां नमी वाले बादलों का टिकना और बरसना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, इस समय दिल्ली के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में सक्रिय चक्रवातीय हवा बारिश को दबा देती है, जिससे मॉनसून की ताकत दिल्ली तक नहीं पहुँच पाती।
बादल तो हैं, बारिश क्यों नहीं?
दिल्ली में बादल छाए रहते हैं, लेकिन गर्म और शुष्क हवा कन्वेक्टिव एक्टिविटी को रोकती है, जिससे बारिश नहीं हो पाती।
अन्य क्षेत्रों में बारिश की स्थिति
दिल्ली के आस-पास के हरियाणा, पश्चिमी यूपी और राजस्थान के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है, जबकि दिल्ली में स्थिति बिल्कुल विपरीत है। इसका असर राजधानी की हवा और उमस पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
भविष्यवाणी
मौसम विभाग का कहना है कि यदि चक्रवातीय प्रणाली की दिशा बदलती है और कन्वेक्टिव एक्टिविटी बढ़ती है, तो अगले कुछ दिनों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। लेकिन फिलहाल, दिल्लीवासियों को गर्मी और इंतजार दोनों का सामना करना पड़ेगा।
मौसम का मिजाज
इस समय पूर्व, पश्चिम और मध्य भारत में तीन मौसमी प्रणालियाँ मानसून की गतिविधियों को आगे बढ़ा रही हैं। बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी भाग और ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ है। यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है, जिसका असर उत्तरी ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ पर पड़ेगा।
क्यों हो रही है भारी बारिश?
पूर्वोत्तर अरब सागर से बंगाल की खाड़ी तक फैली द्रोणिका और पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश पर चक्रवाती परिसंचरण के कारण व्यापक वर्षा हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, भारत के कई हिस्सों में अगले दो हफ्तों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में तेज बारिश होने की उम्मीद है।
10 जुलाई तक बारिश की संभावना
दक्षिणी राज्यों में भी इस मॉनसून की लहर का असर देखने को मिलेगा। केरल और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में 26 जून को 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक बारिश होने की संभावना है। इस बीच, 29 जून तक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और आस-पास के क्षेत्रों में तेज हवाएँ चलेंगी।
आईएमडी का अनुमान है कि सक्रिय मानसून का यह दौर कम से कम 10 जुलाई तक जारी रहेगा। इस दौरान, मध्य भारत में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में भी सामान्य से अधिक बारिश होगी।