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दिल्ली में क्रिप्टोकरेंसी से साइबर ठगी का खुलासा

दिल्ली पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठगी के सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। ये ठग क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से ठगी गई राशि को चीन भेज रहे थे। पीड़ितों को ऑनलाइन सकारात्मक समीक्षाओं के जरिए ठगा गया। इस मामले में पुलिस ने कई स्मार्टफोन और धोखाधड़ी के सबूत भी बरामद किए हैं। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और ठगों के तरीके।
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दिल्ली में क्रिप्टोकरेंसी से साइबर ठगी का खुलासा

पुलिस ने तीन ठगों को किया गिरफ्तार, पैसे चीन भेजने का मामला


दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। हाल के समय में, सरकार की चेतावनियों के बावजूद, लोग ठगों के जाल में फंसते जा रहे हैं। साइबर ठगी के मामलों में पुलिस को आरोपियों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। फिर भी, दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो न केवल लोगों को ठग रहा था, बल्कि देश का धन भी चीन भेज रहा था।


आरोपी कैसे भेज रहे थे पैसे चीन

दक्षिण पश्चिमी जिला पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठगी के सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये ठग देश के विभिन्न हिस्सों से ठगी गई राशि को क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी के माध्यम से चीन भेज रहे थे। पुलिस ने इनसे धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए छह स्मार्टफोन भी बरामद किए हैं। पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान राजस्थान के जयपुर निवासी महेंद्र सिंह राजावत, आरिफ खान और लक्ष्मी नारायण वैश्य के रूप में हुई है।


आरोपियों का संपर्क कैसे हुआ

जिले की साइबर थाना पुलिस को एक पीड़ित ने शिकायत दी थी। पीड़ित से ठगों ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क किया था। आरोपियों ने पीड़ित को होटल और रेस्तरां के लिए ऑनलाइन सकारात्मक समीक्षा करने के लिए कहा और इसके बदले में मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया। ठगों ने पहले कुछ दिनों तक पीड़ित को लाभ देकर उसे भरोसे में लिया और फिर विभिन्न बहानों से 15.08 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल में चीनी ठगों के साथ चैट और क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन का रिकॉर्ड भी मिला है।