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दीया जलाने के सही तरीके और वास्तु शास्त्र के नियम

इस लेख में दीया जलाने के सही तरीके और वास्तु शास्त्र के नियमों पर चर्चा की गई है। जानें कि किस दिशा में दीया जलाना शुभ है और किस दिशा में नहीं। इसके अलावा, दीए की देखभाल और पूजा के दौरान सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए उपयोगी सुझाव भी दिए गए हैं। सही दिशा और विधि अपनाकर आप अपने घर में खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं।
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दीया जलाने के सही तरीके और वास्तु शास्त्र के नियम

दीया जलाने का महत्व


हिंदू धर्म में पूजा के समय दीया जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि इसे सही तरीके से जलाया जाए, तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और मन को शांति प्रदान करता है।


दीया जलाने के लिए सही दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीया को भगवान की मूर्ति के दाईं ओर रखना चाहिए। इसे मूर्ति के ठीक सामने नहीं रखना चाहिए और न ही इसे दक्षिण या पश्चिम दिशा में जलाना चाहिए। ये दिशाएं कुछ विशेष तिथियों को छोड़कर अशुभ मानी जाती हैं। सही दिशा में दीया जलाने से घर में खुशहाली और समृद्धि आती है।


दीया जलाने का सही तरीका

दीया जलाते समय दिशा और स्थान का ध्यान रखना आवश्यक है। इसे भगवान की मूर्ति के पास बहुत करीब नहीं रखना चाहिए। सही दूरी बनाए रखने से पूजा का महत्व बढ़ता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ध्यान रखें कि दीपक हमेशा स्थिर स्थान पर हो और इसे हवा या झटके से बचाना चाहिए।


किस दिशा में दीया जलाना मना है

वास्तु के अनुसार, दीया दक्षिण और पश्चिम दिशा में जलाना अशुभ होता है। दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है। वहीं, पश्चिम दिशा में जलाने से दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कार्तिक महीने की कुछ विशेष तिथियों में दक्षिण दिशा में दीया जलाना शुभ माना जाता है।


दीया जलाने के लिए शुभ दिशा

ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा, दीया जलाने के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। इस दिशा में दीया जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता धीरे-धीरे बाहर निकल जाती है। पूजा के समय इस दिशा में दीया जलाने से समृद्धि और खुशहाली आती है।


दीए की देखभाल और सफाई

दीए को नियमित रूप से साफ करना और उसमें ताजा तेल या घी का उपयोग करना चाहिए। यदि दीया बुरी तरह से जल गया हो, तो उसे बदल देना चाहिए। नियमित सफाई से दीया लंबे समय तक जलता है और ऊर्जा स्थिर रहती है। पूजा के दौरान दीए को स्थिर रखना और इसे बच्चों या पालतू जानवरों से दूर रखना भी आवश्यक है।


वास्तु शास्त्र के अन्य सुझाव

घर के मंदिर में दीए के अलावा अन्य वस्तुएं जैसे घी, फूल और लाल कपड़ा भी पूजा में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। दीया जलाते समय मन में शांति और सकारात्मक विचार बनाए रखें। शास्त्रों में कहा गया है कि सही दिशा में नियमित रूप से दीया जलाने से मन्नत पूरी होती है और घर का माहौल पवित्र रहता है।